Cabinet Meeting: देश में पहली बार लिथियम (Lithium) नियोबियम (Niobium) और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) के ब्लॉक की नीलामी का रास्ता साफ हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले इन खनिजों के लिए रॉयल्टी दर को मंजूरी दे दी है. 


कैबिनेट ने लिथियम के रॉयल्टी दर के 3 फीसदी तय किया है जो लंदन मेटल एक्सचेंज ( London Metal Exchange) पर चल रही लिथियम की कीमतों पर वसूला जाएगा. भारत में लिथियम की बड़ी मांग बढ़ने की संभावना है. इलेक्ट्रिक व्हीकल के बैटरी बनाने के लिए लिथियम का इस्तेमाल किया जाता है. जम्मू कश्मीर में भारत ने लिथियम का बड़ा भंडार इस वर्ष फरवरी 2023 में खोल निकाला है. 


नियोबियम के रॉयल्टी को औसत सेल्स प्राइस का 3 फीसदी और रेयर अर्थ एलिमेंट्स की एक फीसदी रॉयल्टी दर तय करने का फैसला किया है. दरअसल केंद्र सरकार इन खनिजों की नीलामी कुछ हफ्तों में करने वाली है. नियोबियम का इस्तेमाल भी इलेक्ट्रिक व्हीकल के बैटरी सेल के बनाने में किया जाता है. कैबिनेट से नीलामी की मंजूरी मिलने के बाद पहली बार इन मिनरल्स की नीलामी देश में होगी. सरकार ने कहा कि रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले ये खनिज देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरुरी है. 
 खनन मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, केंद्रीय कैबिनेट ने तीन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों- लिथियम, नियोबियम और आरईई के संबंध में रॉयल्टी की दर तय करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) की दूसरी अनुसूची में संशोधन को मंजूरी दे दी है. एनर्जी ट्रांजिशन और 20270 तक नोट-जीरो कॉर्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के  भारत के संकल्प के मद्देनजर लिथियम और आरईई जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की अहमियत बढ़ गई है. 


कैबिनेट के फैसले से खनन क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ने की भी उम्मीद है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और अन्य एजेंसियां देश में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की खोज कर रही हैं. केंद्र सरकार लिथियम, आरईई, निकल, प्लैटिनम समूह के तत्वों, पोटाश, ग्लौकोनाइट, फॉस्फोराइट, ग्रेफाइट और मोलिब्डेनम जैसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी का पहला दौर जल्द शुरू करने जा रही है.


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