Budget For Consumer Demand: भारत की पस्त होती इकोनॉमी को सुस्ती से उबारकर ग्रोथ के हाईवे पर धकेलने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोशिश तो खूब की है. लोगों की 12 लाख तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया है, ताकि इससे बचे पैसे को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दोनों हाथों से खर्च कर सकें और बाजार में डिमांड बढ़े. 80 करोड़ की आबादी वाले रूरल इंडिया की आमदनी बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चर और उसके एलायड सेक्टर पर एक लाख 71 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है, ताकि गांव में आमदनी बढ़ने से रूरल कंज्यूमर मार्केट का ग्रोथ हो सके और इससे मार्केट और फिर इकोनॉमी को बूस्टर डोज मिल सके.
कितना तैयार है अर्बन मिडिल क्लास
भारत सरकार ने खपत बढ़ाकर मार्केट में डिमांड पैदा करने के लिए अपने स्तर पर उपाय तो कर दिए हैं, पर इस मकसद की मंजिल तक पहुंचने के लिए ग्रोथ इंजन बनने वाला अर्बन मिडिल क्लास इसके लिए कितना तैयार है. ऐसा भी हो सकता है कि सरकार ने 12 लाख तक की आमदनी पर इनकम टैक्स से छुट्टी खपत बढ़ाने के लिए दी है और अर्बन मिडिल क्लास इसे एसेट खऱीदने पर खर्च करने लगे. ऐसी स्थिति में कंज्यूमर मार्केट का अपेक्षा के मुताबिक ग्रो करना मुश्किल होगा.
एफएमसीजी, रिटेल और लाइफ स्टाइल को है खास आशा
सरकार की कवायद का पूरा जोर ही इस बात पर है कि लोगो के डिस्पोजेबल इनकम को बूस्ट किया जा सके. यानी बार-बार खरीदी जाने वाली चीजों पर लोग अधिक से अधिक खर्च कर सकें. इस कारण एफएमसीजी, रिटेल और लाइफस्टाइल लेक्टर को भारत सरकार के इस मूव से काफी आशा है. कंपनियों को आशा है कि इससे उनके सेल्स ग्रोथ में तेजी आएगी, परंतु एसेट खरीदने में तेजी आने पर यह आशा निराशा में भी बदल सकती है. कंपनियों के रणनीतिकार इसे लेकर भी डरे हुए हैं. जल्दी ही सरकार तक अपनी इस आशंका को पहुंचा सकते हैं, इसके समाधान की दिशा में पहल का आग्रह भी कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें:
Tax Regime: कितनी है सालाना आमदनी तो अपनाएं ओल्ड टैक्स रिजीम, कितनी इनकम में न्यू टैक्स रिजीम सही