Union Budget 2025 Expectations: भारत, दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रक्षा क्षेत्र पर खर्च करने वाला देश है. हालांकि, अभी भी भारत अपनी 35 फीसदी रक्षा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर करता है. आत्मनिर्भरता और सशस्त्रीकरण को प्राथमिकता देने के मद्देनजर, इस साल के रक्षा बजट में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को अपना आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी. यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट होगा. जिसमें रक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित रहने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन में मध्यम वृद्धि देखी जा सकती है. पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए 6.22 लाख करोड़ का आवंटन किया था. जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.79 फीसदी अधिक था.
इन मुद्दों पर ज्यादा ध्यान होगा
पूंजीगत व्यय में 7-8 फीसदी वृद्धि का अनुमान है. रक्षा पूंजी व्यय में 7-8 फीसदी की वृद्धि हो सकती है, जिससे यह लगभग 1.9 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है.
थल और नौसेना पर ध्यान भी घोषणाएं हो सकती हैं. सैन्य वाहनों और नौसैनिक संसाधनों के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जबकि वायुसेना के लिए आवंटन स्थिर रह सकता है.
आत्मनिर्भरता की ओर कदम
रिपोर्ट्स के अनुसार, आयात पर निर्भरता कम करने की जरूरत बढ़ रही है. 2023 में भारत ने $84 बिलियन (GDP का 2.4%) रक्षा पर खर्च किए, लेकिन 35 फीसदी जरूरतें अभी भी आयात से पूरी होती हैं. आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने का यह बड़ा अवसर है.
भारत का रक्षा दृष्टिकोण क्या है
वैश्विक तनाव और सीमा सुरक्षा की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए, आगामी बजट में आधुनिक रक्षा तकनीकों, सीमा सुरक्षा और स्वदेशी इनोवेशन को प्राथमिकता दिए जाने की उम्मीद है. 1 फरवरी को आने वाला बजट भारत को आत्मनिर्भर और मजबूत रक्षा क्षमता की ओर ले जाने का रोडमैप पेश करेगा.
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