UK Fruit & Vegetables Rationing: एक समय कहावत चलती थी कि ब्रितानी राज में कभी सूरज अस्त नहीं होता है, और अभी ऐसा हाल हो चला है कि उसी ब्रिटेन को अप्रत्याशित खाद्य संकट से जूझना पड़ रहा है. हाल ऐसा हो गया है कि ब्रिटेन के सुपरमार्केट्स में सब्जियों और फलों की कमी हो गई है. इसके चलते लोगों के खरीदने की सीमा तय कर दी गई है.


कई देशों में आया ऐसा संकट


खाने-पीने की चीजों की कमी के संकट से गरीब देश आमतौर पर जूझते हैं. जैसे कुछ दिनों पहले श्रीलंका में ऐसा संकट उत्पन्न हुआ था और अभी पड़ोसी देश पाकिस्तान इससे जूझ रहा है. समय-समय पर कई अन्य देश भी ऐसी समस्याओं से परेशान होते रहे हैं. पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद कई देशों के सामने खाने-पीने की चीजों की कमी का संकट उत्पन्न हुई थी. हालांकि अगर ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में ऐसी स्थिति देखने को मिले, तो इसे सामान्य नहीं ही कहा जा सकता है.


फलों व सब्जियों की कमी


संकट के कारणों को जानने से पहले यह जान लेते हैं कि हाल वाकई में किस कदर गंभीर है. आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में ब्रिटेन में ग्रॉसरी की महंगाई दर 15.9 फीसदी रही. वहीं जरूरी चीजों की कीमतों में जनवरी में 21.6 फीसदी की तेजी देखने को मिली. ब्रांडेड सामान जनवरी में ससाल भर पहले की तुलना में 13 से 20 फीसदी तक महंगे बिके. टमाटर, खीरा, ब्रोकली, लेट्यूस, मिर्च, फुलगोभी, रैस्पबेरी आदि लोगों को मिल नहीं पा रहे हैं. इसके चलते टेस्को (Tesco), अस्दा (Asda), अल्दी (Aldi) और मॉरिसंस ( Morrisons) जैसे सुपरमार्केट्स ने सामानों की राशनिंग कर दी है. इसका मतलब हुआ कि हर इंसान के लिए खरीदने की एक अधिकतम सीमा तय कर दी गई है. कोई भी व्यक्ति तय समय में उस मात्रा से ज्यादा खरीदारी नहीं कर सकता है.


ये फैक्टर्स बताए जा रहे जिम्मेदार


ब्रिटेन के सामने आई इस स्थिति के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हैं. इनमें जलवायु परिवर्तन, ईंधन व बिजली की कीमतें, सप्लाईचेन की दिक्कतें, ब्रेक्जिट और राजनीतिक अस्थिरता शामिल हैं. ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम के अनुसार, ब्रिटेन ठंड के महीनों में 90 फीसदी लेट्यूस और 95 फीसदी टमाटर का आयात करता है. इन्हें स्पेन और मोरक्को जैसे देशों से मंगाया जाता है. स्पेन में इस बार असामान्य ठंडी पढ़ी, जबकि मोरक्को में बाढ़ के चलते फसल बर्बाद हो गई. अन्य जगहों पर किसानों ने बिजली की अधिक कीमतों के चलते कम खेती की.


ब्रेक्जिट का मजाक बना रहे लोग


वहीं कई सारे लोग इसके लिए राजनीतिक अस्थिरता और ब्रेक्जिट को जिम्मेदार मानते हैं. ब्रेक्जिट के बाद से अब तक ब्रिटेन में कई प्रधानमंत्री बदल चुके हैं. वहीं ब्रिटेन में फलों व सब्जियों की कमी के मद्देनजर कई यूजर्स अन्य यूरोपीय देशों के सुपरमार्केट्स की तस्वीरें साझा कर रहे हैं, जिनमें रैक फलों व सब्जियों से भरे हुए हैं. इन लोगों का तर्क है कि ब्रिटेन ने यूरोपीय यूनियन से बाहर होकर गलत फैसला लिया. इससे वह एकल यूरोपीय बाजार से कट गया और व्यापार की कई बाधाएं सामने आ गईं. इनके चलते अंतत: सप्लाई चेन में रुकावटें आईं.