नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को नोटबंदी के दौरान 15 लाख करोड़ रुपये कीमत के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट मिलने का अनुमान है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली से जब पूछा गया कि क्या 30 दिसंबर तक देश के बैंकिंग सिस्टम में लगभग 15 लाख करोड़ रुपये आ गए थे तो उन्होंने कहा,‘ मुझे सही संख्या तो पता नहीं है.’ सूत्रों का कहना है कि 30 दिसंबर 2016 तक शायद 14.5 लाख करोड़ रुपये से लेकर 15 लाख करोड़ रुपये सिस्टम में आ गए. सरकार ने 9 नवंबर से नोटबंदी के तहत 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया. ये नोट जमा करवाने की समय सीमा 30 दिसंबर को समाप्त हो गई.
हालांकि सरकार और आरबीआई ने इस बारे में अभी आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है. आधिकारिक आंकड़े 10 दिसंबर तक हैं जिनमें आरबीआई ने कहा कि 12.44 लाख करोड़ रुपये कीमत के पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट वापस आ गए. आपको बता दें कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भी, नोटबंदी के बाद बैन किए गए नोट बैंकों में जमा करने की समय सीमा खत्म होने यानी 30 दिसंबर 2016 तक 97 फीसदी पुरानी करंसी बैंकों में वापस आ चुकी है. रिपोर्ट में इसको पैमाने मानते हुए नोटबंदी को असफल कोशिश बताया है. ये आंकड़े सही हैं या फिर नहीं इस बारे में जब अरुण जेटली से सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है.
केंद्र सरकार ने शुरुआत में अनुमान लगाया था कि नोटबंदी के फैसले के बाद टैक्स चोरी कर जाम किए गए 5 लाख करोड़ रुपये (कालाधन) वापस ही नहीं आएंगे. नोटबंदी के फैसले से ये बेकार हो जाएंगे. लेकिन अगर मौजूदा हालात की बात करें तो 97 फीसदी 500 और 1000 के पुराने नोट बैकों में वापस आ चुके हैं. यह आंकड़ा लगभग 100 फीसदी तक भी जा सकता है क्योंकि 31 मार्च तक एनआरआई और नोटबंदी के समय विदेश गए भारतीय आरबीआई में पुराने नोटों को जमा करा सकते हैं.