प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का मौजूदा कार्यकाल कुछ महीनों में समाप्त हो जाएगा. उसके बाद अगले साल लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में बहुत सारे लोगों को इस बात की उम्मीद लगी हुई थी कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में अगले साल चुनाव से पहले कमी की जा सकती है. हालांकि अब सरकार ने इस तरह की तमाम उम्मीदों को खारिज कर दिया है.


हरदीप पुरी ने साफ कही ये बात


अगर आपको भी अगले साल होने वाले चुनाव से पहले डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कटौती की उम्मीद थी, जो अब उसे छोड़ दीजिए. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने साफ कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. केंद्रीय मंत्री शनिवार को एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. उसी दौरान उनसे डीजल-पेट्रोल के दाम में संभावित कटौती को लेकर सवाल पूछा गया था.


केंद्रीय मंत्री ने बताई ये वजह


केंद्रीय मंत्री पुरी ने लोकसभा चुनाव से पहले डीजल-पेट्रोल के भाव में कमी की उम्मीदों के बारे में कहा कि ये एक गलत धारणा है. उन्होंने इसके लिए मीडिया को जिम्मेदार बताया और कहा कि मीडिया ने ही इस तरह का भ्रम फैलाया है, जिसकी कोई बुनियाद नहीं है. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कमी लाने के प्रयास कर रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते प्रयासों में सफलता नहीं मिल रही है.


15 महीने से नहीं कम हुए दाम


देश में डीजल और पेट्रोल की खुदरा कीमतों में आखिरी बार मई 2022 में कटौती की गई थी. 22 मई 2022 से अब तक भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसका मतलब हुआ कि करीब 15 महीने से डीजल और पेट्रोल के भाव स्थिर हैं. केंद्रीय मंत्री के दावे के हिसाब से देखें तो कच्चे तेल के भाव वाला तर्क खरा नहीं साबित होता है.


40-50 फीसदी सस्ता है कच्चा तेल


जब आखिरी बार डीजल-पेट्रोल के भाव कम किए गए थे, उस समय क्रूड ऑयल की कीमतें 110 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास थीं. अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास है. दूसरी ओर भारत को बड़े पैमाने पर रूस से सस्ते कच्चे तेल का भी फायदा मिल रहा है. मतलब 15 महीने पहले की तुलना में अभी कच्चा तेल 40-50 फीसदी सस्ता पड़ रहा है.


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