Chenab Railway Bridge Project : कश्मीर में विश्व का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे पुल (Chinab Railway Bridge) बनकर तैयार हो गया है. सम्भावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को इस ब्रिज का उद्घाटन कर सकते है. कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए चिनाब नदी (Chinab River) पर विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल का निर्माण कार्य भारतीय रेलवे (Indian Railways) द्वारा किया जा रहा है. 


98 प्रतिशत काम पूरा 
आज 13 अगस्त तक ओवरआर्च डैक को लगाने काम भी पूरा हो गया है. डैक पूरा होने के बाद पुल निर्माण का 98 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. पीएम मोदी स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने संबोधन में इस पुल का जिक्र कर सकते हैं. चिनाब ब्रिज के नाम से जाना जाने वाला ये पुल इस साल दिसंबर तक रेल यातायात के लिए भी चालू हो सकता है. 


कितना बड़ा है पुल 
आपको बता दे कि यह पुल पेरिस के एफिल टावर से करीब 35 मीटर और कुतुब मीनार के मुकाबले करीब 5 गुना अधिक ऊंचा है. इस पुल की लंबाई 1.315 किलोमीटर है और यह पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर है. इस पुल की आठ की तीव्रता वाली भूकंप को भी सहने की क्षमता है. यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा को भी सह सकता है.


चिनाब नदी पर बना है पुल 
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने अपने ट्विटर हैंडल से इस ब्रिज की तस्वीर शेयर की थी. उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा, ‘बादलों के ऊपर दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क चिनाब ब्रिज.’ बेहद ही खूबसूरत दिख रही यह तस्वीर किसी पेंटिंग से कम नहीं लग रही है. तस्वीर में दिख रहा है कि यह पुल इतना ज्यादा ऊंचा है कि बादल भी इसके कई फीट नीचे दिखाई दे रहे हैं.


रेलवे ने किया तैयार 
चेनाब नदी के ऊपर नदीतल से करीब 359 मीटर की ऊंचाई पर बन रहे इस दुनिया का सबसे ऊंचे रेलवे पुल के मेहराब का काम पिछले साल अप्रैल में ही पूरा हो गया था. इस मेहराब का कुल वजन 10619 मीट्रिक टन है और उसके हिस्सों को केबल क्रेन द्वारा लगाया जाना भारतीय रेलवे द्वारा पहली बार किया गया है.


1486 करोड़ रुपये की लागत हो रहा तैयार 
इस पुल को बनाने का लक्ष्य कश्मीर घाटी की कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. इसका निर्माण उधमपुर- श्रीनगर- बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के तहत 1486 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. खुद को सहारा देने वाला मेहराब शानदार अभियांत्रिकी का नमूना है. यह भारत में किसी भी रेल परियोजना में सबसे बड़ी सिविल इंजीनियरिंग चुनौती थी, जिसे इंजीनियरों ने अंजाम तक पहंचाया है.


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