Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजार 29 अक्टूबर को हरे निशान के साथ खुला. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेजी देखने को मिली. सेंसेक्स 408 अंकों की बढ़त के साथ 80,834.58 तक पहुंच गया, जबकि निफ्टी 113 अंकों की तेजी के साथ ऊपर खुला. हालांकि, दोपहर बाद बाजार का रुख अचानक बदल गया और तेजी गंवाकर लाल निशान पर फिसल गया.
सेंसेक्स करीब 400 अंक गिरकर 80,339.23 के स्तर पर आ गया, जबकि निफ्टी 24,650 के नीचे फिसल गई. आईटी शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली, जिसने बाजार पर दबाव डाला. इससे पहले शुक्रवार को बाजार में करीब सात लाख करोड़ रुपये का जबरदस्त नुकसान हुआ था. पिछले हफ्ते सिर्फ पांच दिनों के अंदर ही निवेशकों के वैल्यूएशन में 16 करोड़ रुपये की कमी आ गई थी.
मार्केट गिरने के प्रमुख कारण:
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आरबीआई पॉलिसी को लेकर संशय – 29 सितंबर से शुरू हुई तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजे 1 अक्टूबर को आएंगे. निवेशक इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जिससे बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है.
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भारत-अमेरिका ट्रेड डील की दुविधा – चल रही वार्ता में टैरिफ और H-1B वीजा मुद्दों के चलते निवेशक सतर्क बने हुए हैं.
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विदेशी निवेशकों की बिकवाली – सितंबर में अब तक विदेशी निवेशकों ने करीब 30 हजार करोड़ रुपये की निकासी की है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा.
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आईटी शेयरों की कमजोरी – अमेरिका की H-1B वीजा पॉलिसी में बदलाव और बढ़ी हुई फीस के कारण आईटी शेयरों पर असर पड़ा.
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इंडिया VIX में बढ़ोतरी – बाजार की अस्थिरता बताने वाला इंडेक्स 1.3% चढ़कर 11.58% पर पहुंच गया, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ.
विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक विदेशी निवेशकों का भरोसा नहीं लौटता और वैश्विक स्तर पर स्पष्ट संकेत नहीं मिलते, तब तक भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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