TCS layoffs: देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) ने छंटनी का ऐलान कर दिया है. कंपनी का कहना है कि अगले फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में अपने कर्मचारियों की संख्या में लगभग 2 परसेंट (12,000 से ज्यादा नौकरियां) की कटौती की जा सकती है.

कंपनी के इस कदम का असर मुख्य रूप से मिडिल और सीनियर मैनेजमेंट लेवल के कर्मचारियों पर पड़ने की संभावना है. माइक्रोसॉफ्ट (10000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान) और इंटेल (24000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान) के बाद टीसीएस के इस ऐलान के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वजह से कंपनियां अपने यहां वर्कर्स की संख्या कम रही हैं? 

टीसीएस क्यों करने जा रही है छंटनी?

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की यह कंपनी नए मार्केट में एंट्री लेने की तैयारी कर रही है इसलिए नई टेक्नोलॉजी पर निवेश को बढ़ाकर AI को अपनाया जा रहा है. इन सबके लिए फिर से नए स्टाफ लिए जाएंगे, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी, लेकिन फिलहाल के लिए 12000 से अधिक कर्मचारी काम से निकाले जाएंगे क्योंकि यह इस प्रॉसेस का हिस्सा है. कंपनियां रीस्ट्रक्चरिंग के इस दौर में कॉस्ट कटिंग कर रही हैं.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टीसीएस का कहना है कि इस बदलाव की योजना पूरी सावधानी से बनाई जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई असर न पड़े. 

लेटरल हायरिंग की जा सकती है

इस महीने की शुरुआत में कारोबारी साल 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के अपने नतीजे का ऐलान करते हुए टीसीएस के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) मिलिंद लक्कड़ ने बताया कि पहली तिमाही के अंत में कर्मचारियों की संख्या 6,13,069 थी. उन्होंने कहा, इस तिमाही के दौरान कुल 5,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की गई है. हमने सभी नौकरी के प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया है और हम साल के बाकी समय में भी ऐसा ही करते रहेंगे. मांग के पूर्वानुमान के आधार पर लेटरल हायरिंग को फिर से समायोजित किया जाएगा. 

उन्होंने कहा था कि टेक्नोलॉजी की बदलती जरूरतों के साथ अपने कस्टमर्स के साथ चलते रहने के लिए कंपनी बिजनेस में निवेश को बढ़ाएगी. 

 

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