नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड अपने शेयरधारकों से साढ़े पांच करोड़ से भी ज्यादा शेयर वापस खरीदेगी. इस पर कुल मिलाकर करीब 16,000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है. कॉरपोरेट सेक्टर में सबसे बड़ी शेयर की वापस खरीद में ये एक है. कंपनी के निदेशक बोर्ड की बैठक के बाद तय हुआ

- 5 करोड़ 61 लाख 40 हजार 351 शेयर वापस खऱीदे जाएंगे. - हर एक शेयर के लिए कंपनी 2850 रुपये चुकाएगी. - ये सोमवार को बंद हुए भाव की तुलना में करीब 11 फीसदी ज्यादा है. सोमवार को टीएसएस के शेयर 2506.50 रुपये पर बंद हुए. - वापस खरीदे जा रहे शेयर, कुल शेयर का करीब 2.85 फीसदी है. कंपनी के कुल मिलाकर 6.36 लाख से भी ज्यादा शेयरधारक है, जिसमें से करीब 6.18 लाख छोटे शेयरधारक है. कंपनी के पास भारी तादाद में नकदी जमा है. अब इसी का इस्तेमाल शेयरों को वापस खऱीदने पर होगा. इस पूरी कवायद का मकसद शेयरधारकों को पुरस्कार भी देना है. ध्यान रहे कि शेयरों की वापस खरीद यानी बायबैक से निवेशकों को दो फायदा होता है. आम तौर पर बाजार भाव से थोड़े ज्यादा पर कंपनी शेयर वापस खरीदती है, जिससे निवेशकों को आसानी से मुनाफा हो जाता है. दूसरी ओर शेयरों की वापस खरीद होने की सूरत में बाजार में खरीद-बिक्री के लिए शेयर यानी फ्लोटिंग स्टॉक कम हो जाता है. इसका मतलब ये हुए कि बाजार में मांग के मुताबिक आपूर्ति कम हो जाती है जिससे शेयरों के भाव चढ़ने के आसार होते हैं. यानी यहां भी निवेशकों को मुनाफा हो सकता है. टीसीएस के बाद बाजार की दूसरी आईटी कंपनियों जैसे इंफोसिस की ओर से बायबैक का प्रस्ताव आने के आसार हैं. इसके पहले कॉगनिजेंट ने 3.4 अरब डॉलर कीमत के शेयर वापस खरीदने का ऐलान किया था. वैसे कॉगनिजेंट के शेयरों की खरीद-बिक्री विदेशी बाजारों में होती है.