Sukanya Samriddhi Yojana: हर बेटी के माता-पिता को अपनी बच्ची के भविष्य की चिंता रहती है. ऐसे में उसके जन्म के बाद से ही सही जगहों पर निवेश (Investment of Girl Child) करना बहुत जरूरी है. इससे बाद में आपको किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर आप भी अपनी लाडली के उज्जवल भविष्य के लिए निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो समृद्धि योजना स्कीम (Sukanya Samriddhi Yojana) एक शानदार निवेश ऑप्शन है. इस स्कीम को केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा खासतौर पर बच्चियों के लिए बनाया गया है. बच्ची 21 लाख की उम्र में लखपति बन जाएगी. यह एक सरकारी स्मॉल सेविंग स्कीम (Small Saving Scheme) है जो बच्ची की उच्च शिक्षा और शादी के लिए मोटा फंड जुटाने में मदद करेगा.

बैंक एफडी से ज्यादा देता है रिटर्नआपको बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेशकों को 7.6 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है जो ज्यादातर बैंक एफडी से बेहतर है. अधिकतर बैंक लंबी अवधि की एफडी पर 6 प्रतिशत तक का ब्याज ऑफर कर रहे हैं. ऐसे में इसमें निवेश पर आप बच्ची के 21 साल के होने पर आप 65 लाख रुपये तक का फंड जुटा सकते हैं. इस योजना का लाभ समाज के हर वर्ग को मिल सके और बेटियां ज्यादा से ज्यादा सशक्त बन सकें इसके लिए सरकार ने इस योजना में कुछ अहम बदलाव किए हैं.

अब तीन बेटियों के लिए कर पाएंगे निवेशसरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में कुछ बड़े बदलाव किए हैं जिसके बाद अब माता-पिता अपनी तीन बेटियों के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. नियमों के अनुसार पहले केवल दो बेटियों के लिए आप इस स्कीम में निवेश कर सकते थे, लेकिन अब आप तीन बेटियों के लिए भी इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं. अगर आपको दूसरी बार में दो जुड़वा बेटियां होती है तो आप तीसरी बेटी के नाम पर भी इस योजना के तहत खाता खुलवा सकते हैं.

मिलता है टैक्स छूट का लाभइस योजना में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट (Income Tax Rebate) मिलती है. पहले माता-पिता केवल दो बेटियों के निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स छूट का दावा कर सकते थे लेकिन, अब आप तीसरी बच्ची के लिए भी निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत आप कम से कम 250 रुपये सालाना और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक एक वित्त वर्ष में निवेश कर सकते हैं.

डिफॉल्ट खाते पर भी मिलेगा ब्याजइसके साथ ही जो लोग एक साल में योजना में कम से कम 250 रुपये नहीं निवेश करते हैं उनके खाते को डिफॉल्ट माना जाता है. पहले ऐसे खाते पर ब्याज मिलना बंद हो जाता था, लेकिन अब नियमों में बदलाव के बाद डिफॉल्ट खाते में जमा राशि पर ब्याज मिलना जारी रहेगा.

खाता बंद करने के नियम में बदलावबता दें कि पहले इस योजना के तहत अगर बच्ची की मृत्यु हो जाने पर खाता बंद करने की अनुमति मिलती थी, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है. अगर किसी खाताधारक को जानलेवा बीमारी हो जाती है तो वह खाते से पैसे निकाल सकता है. वहीं माता-पिता की मृत्यु हो जाने की स्थिति में भी आपको खाता बंद करने की सुविधा मिलती है. 

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