Stock Market Today: सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street के भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर बैन लगाते हुए उसको 4,844 करोड़ रुपये की अवैध कमाई लौटाने को कहा है. सेबी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये फर्म गैर-कानूनी तरीके से हेराफेरी कर मुनाफे कम रही है. उस पर तब तक प्रतिबंध रहेगा, जब तक वे पैसा नहीं वापस कर देती है. इधर, Jane Street पर सेबी के इस एक्शन के बीच हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार 4 जुलाई 2025 को शेयर बाजार बिल्कुल सपाट खुला है. सेंसेक्स जहां 36.53 अंक की तेजी के साथ 83,273.82 के लेवल पर कारोबार कर रहा है, वहीं ट्रेंट के शेयर में 7 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आयी है. हालांकि, बजाज फाइनेंस के स्टॉक्स में तेजी देखी जा रही है.
एशियाई बाजार में मिलाजुला रुख
एशियाई बाजार में मिलाजुला कारोबार देखने को मिला है. जापान का निक्केई 0.17 प्रतिशत उछला तो वहीं टॉपिक्स में भी 0.23 प्रतिशत की तेजी देखी गई है. हालांकि, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.47 प्रतिशत टूटा तो वहीं ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स-200 0.19 प्रतिशत ऊपर चढ़ा है.
अगर अमेरिकी बाजार की बात करें तो निवेशकों का भरोसा मजबूत डेटा की वजह से बढ़ा है. एसएंडपी 500 में जहां 0.83 की उछाल दिखी तो वहीं नैस्डेक भी 1.02 ऊपर उठा. जबकि डाउ जोन्स 344.11 प्वाइंट की उछाल के साथ 44,828.53 के स्तर पर बंद हुआ है. स्वतंत्रता दिवस की वजह से शुक्रवार को अमेरिकी बाजार बंद रहेंगे.
एक दिन पहले भारतीय बाजार में गिरावट
डोमेस्टिक स्टॉक मार्के में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी गिरावट रही देखी गई. BSE सेंसेक्स 170 अंक टूट गया. मार्केट में कारोबार के दौरान तेजी थी लेकिन आखिरी घंटे में फाइनेंस कंपनियों और मेटल स्टॉक्स में बिकवाली की वजह से ये गिरावट के साथ बंद हुआ. सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में कोटक महिंद्रा बैंक, Bajaj Finserv, बजाज फाइनेंस, अडानी पोर्ट्स , ट्रेंट, SBI, टाइटन और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस चीफ रिसर्च अजित मिश्रा का कहना है कि वायदा और विकल्प खंड में सौदों की साप्ताहिक समाप्ति के दिन बाजार में उतार-चढ़ाव रहा और यह मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ.
जबकि, जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च चीफ प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि टैरिफ छूट को लेकर 90 दिन की अवधि समाप्त होने वाली है. ऐसे में अमेरिका-भारत व्यापार समझौते से जुड़े घटनाक्रमों पर निवेशकों की निगाह बनी हुई है. अधिक मूल्यांकन के कारण हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) सतर्क हो गए हैं.