Stock Market Today: भारतीय शेयर बाजार में हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन कमजोरी का रुख देखने को मिला. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 367 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि एनएसई का निफ्टी 50 भी दबाव में रहकर 26,050 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया. बाजार की इस गिरावट के पीछे निवेशकों की सतर्कता और चुनिंदा सेक्टरों में बिकवाली का दबाव प्रमुख कारण रहा.
क्यों गिरा शेयर बाजार?
सेक्टोरल स्तर पर देखें तो मेटल और रियल्टी शेयरों में कुछ मजबूती देखने को मिली, जिसने बाजार को सीमित सहारा दिया. हालांकि, आईटी, ऑटो, बैंकिंग और हेल्थकेयर जैसे भारी वजन वाले सेक्टरों में तेज बिकवाली रही, जिससे प्रमुख सूचकांकों पर दबाव बना. खासकर आईटी और बैंकिंग शेयरों में कमजोरी ने बाजार की धारणा को नकारात्मक बनाए रखा, जिसके चलते दिनभर उतार-चढ़ाव के बाद बाजार लाल निशान में बंद हुआ.
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले इस सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार सीमित दायरे में बना रहा. उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हाल ही में घोषित तरलता बढ़ाने के उपायों से बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है, साथ ही इससे मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है.
आरबीआई ने बढ़ाए कदम
आरबीआई ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वह बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ाने के उद्देश्य से दो लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड की खरीद करेगा. इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने 10 अरब डॉलर की डॉलर-रुपया स्वैप (खरीद-बिक्री) नीलामी करने का भी ऐलान किया है.
आरबीआई के मुताबिक, खुले बाजार परिचालन (ओएमओ) के तहत बॉन्ड खरीद और डॉलर-रुपया स्वैप नीलामी की प्रक्रिया 29 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 के बीच चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी, जिससे वित्तीय बाजारों को स्थिरता देने और नकदी की स्थिति को मजबूत करने में सहायता मिलने की संभावना है.
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