Step up SIP Benefits: भारतीय निवेशक लंबे समय में एक अच्छा कॉर्पस बनाने के लिए बाजार में मौजूद निवेश विकल्पों की तलाश करते रहते हैं. अगर आप लॉन्ग टर्म निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने की योजना बना रहे हैं तो, सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) आपके लिए एक विकल्प हो सकता है.
बहुत से निवेशक एसआईपी में लंबी अवधि के लिए छोटी-छोटी राशि में निवेश करते हैं. हालांकि, निवेश करते वक्त अगर एक बात का ध्यान रखा जाएं तो, आपका कॉर्पस उम्मीद से बड़ा हो सकता है. फिक्स्ड एसआईपी की जगह पर आप स्टेप अप एसआईपी के तहत निवेश कर सकते हैं. आइए जानते हैं, इस बदलाव से आपके रिटर्न पर क्या प्रभाव पड़ेगा....
क्या है फिक्स्ड एसआईपी?
फिक्स्ड एसआईपी के तहत निवेशक निश्चित राशि लंबे समय तक निवेश करते हैं. निवेश के अमाउंट में किसी तरह का बदलाव नहीं आता है. उदाहरण के लिए अगर आपने 5,000 रुपए की एसआईपी 15 सालों के लिए शुरु की तो, आप इस पूरी अवधि में 5 हजार रुपए हर महीने निवेश करते रहते हैं.
स्टेप अप एसआईपी
स्टेप अप एसआईपी में निवेशक हर साल अपनी आमदनी के हिसाब से निवेश राशि को बढ़ाते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपकी मंथली एसआईपी राशि 5,000 हजार है, और हर साल इसमें 5 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए अपनी निवेश जर्नी जारी रखते हैं. इसे ही स्टेप अप एसआईपी कहा जाता है.
रिटर्न में आ सकता है अंतर
फिक्स्ड और स्टेप अप एसआईपी के रिटर्न में आपको अंतर देखने को मिल सकता है. इसे एक उदाहरण से समझते हैं, अगर किसी ने फिक्सड एसआईपी के तहत 10 हजार रुपए 25 साल तक निवेश किया. इस निवेश पर उसे 15 प्रतिशत का सालाना रिटर्न मिलता हैं तो, कॉपर्स करीब 2.76 करोड़ रुपए होगी.
वहीं सेम कंडीशन में अगर आपने अपनी निवेश राशि को हर साल 10 प्रतिशत से बढ़ाते हैं तो, आपका कॉर्पस 5.76 करोड़ रुपए का होगा. यानी कि, आपको लगभग दोगुना कॉर्पस की प्राप्ति होगी.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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