ज्यादातर लोग नौकरी की बजाय अपना व्यापार करने के इच्छुक रहते हैं लेकिन अक्सर पैसों की समस्या के कारण वे बिजनेस नहीं कर पाते हैं. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अब कारोबार शुरू करने के लिए बेहतर मौका दे रही है. दरअसल मोदी सरकार द्वारा ये मौका जेनरिक मेडिकल स्टोरी या जन औषधि केंद्र शुरू करके दिया जा रहा है. गौरतलब है कि जन औषधि केंद्र को शुरू करने में सिर्फ 2.50 लाख का खर्चा आता है और इसका पूरा खर्च भी सरकार द्वारा ही उठाया जाता है.


साल 2015 में शुरू की गई थी प्राधनमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना


देशभर में साढ़े पांच हजार से ज्यादा जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं. साल 2015 में प्राधनमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की शुरुआत की गई थी.  इन केंद्रो को खोलने का सरकार का उद्देश्य जहां एक तरफ लोगों पर दवा के खर्च को कम करना है तो वहीं दूसरी तरफ रोजगार मुबैया कराना है. जनऔषधि केंद्रो पर जेनरिक मेडिसन 90 फीसदी तक सस्ती मिलती है.


जन औषधि केंद्र खोलने के लिए तीन प्रकार की कैटेगिरी हैं


बता दें कि सरकार ने जन औषधि केंद्र खोलने के लिए तीन प्रकार की कैटेगिरी बना ईहैं. पहली कैटगिरी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशन स्टोर की शुरुआत कर सकता है. वहीं दूसरी कैटेगिरी में ट्रस्ट , एनजीओ, प्राइवेट अस्पताल, सोसायटी सेल्फ हेल्फ ग्रुप को रखा गया है. तीसरी कैटेगिरी में राज्य सरकार की ओर से नामित की गई एजेंसियों को रखा  गया है. दवा दुकान प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से ही खोली जानी अनिवार्य है. दवा दुकान खोलने के लिए 120 वर्ग फीट एरिया चाहिए. वहीं सरकार स्टोर शुरू करने के लिए 900 दवाइयां उपलब्ध कराती है.


यहां से भरें फॉर्म


 जन ओषिधि केंद्र खोलने के लिए पहले फार्म भरकर आवेदन करना होता है और रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस भी जन औषधि केंद्र के नाम से लेना होता है. इसके लिए इच्छुक http://janaushadhi.gov.in/online_registration.aspx से डाउलोड कर सकते हैं. इसके बाद आवेदन को ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (BPPI) के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम से भेजना होगा.


कैसे होगी कमाई


ये तो आप जान ही चुके हैं कि जन औषधि केंद्र खोलने में 2.50 का खर्चा आता और इसका पूरा खर्च सरकार द्वारा ही वहन किया जाता है. अब सवाल उठता है कि इस केंद्र को खोलकर कमाई कैसे होगी तो आपको बता दें कि जन औषधि केंद्र से दवाओं की बिक्री पर 20 प्रतिशत कमीशन मिलता है. इतना ही नहीं हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 परसेंट का इंसेंटिव भी मिलता है. हालांकि इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 10,000 तय की गई है. लेकिन नक्सल प्रभावित और नार्थ ईस्ट के राज्यों में इंसेटिव की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए प्रतिमाह तय की गई है. ये इंसेंटिव सरकार द्वारा तब तक दिया जाता है जब तक कि 2.5 लाख रुपये पूरे न हो जाएं. ऐसे में अगर आप महीने में 1 लाख की सेल करते हैं तो सीधे-सीधे आप 20 हजार रुपये कमाएंगे.


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