Small Saving Scheme: मार्च महीने में 2021-22 के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (Central Board Of Trustees) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.10 फीसदी कर दिया जो 43 साल में सबसे न्यूनतम ईपीएफ रेट है. केंद्रीय न्यास बोर्ड के इस फैसले से करोड़ों लोगों को झटका लगा जो अपनी गाढ़ी कमाई ईपीएफ में निवेश करते हैं. ईपीएफओ बोर्ड (EPFO Board) ने ये फैसला तब लिया जब देश में महंगाई बढ़ती जा रही थी, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो चुका था और आरबीआई द्वारा ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावना जताई जा रही थी. अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 90 बेसिस प्वाइंट यानि 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी किए जाने के बावजूद वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर के लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है. इससे इन योजनाओं में निवेश करने वालों को बड़ा झटका लगा है जो ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद पाले थे.  

सरकार की दलीलजब ईपीएफओ बोर्ड ने ईपीएफ पर ब्याज दर में कटौती की थी तो आलोचना के बाद श्रम मंत्रालय ने अपने फैक्टशीट में कहा था 2021-22 के लिए ईपीएफ रेट को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया है वहीं इसी दौरान 2021-22 में अप्रैल से दिसंबर महीने के बीच खुदरा महंगाई दर 6.2 फीसदी से घटकर 5.2 फीसदी रहा है. लेकिन अब तो खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2022 में बढ़कर 7.79 फीसदी तो मई में 7.04 फीसदी पर जा पहुंचा है. तब भी सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें नहीं बढ़ाई है. 

बचत योजनाओं पर नहीं बढ़ी ब्याज दरेंये उम्मीद जताई जा रही थी कि रेपो रेट के बढ़ने के जिस प्रकार बैंकों ने फिक्स्ड डिपाजिट पर ब्याज दरें बढ़ाई है तो सरकार के बांड पर रिटर्न बढ़ा है ऐसे में पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, और पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं पर सरकार ब्याज दरें बढ़ा सकती है लेकिन इन स्कीमों में निवेश करने वाले निवेशकों को ब्याज दरें नहीं बढ़ने से बेहद मायूसी हुई है. ईपीएफ समेत अलग - अलग निवेश योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरें फिलहाल इस प्रकार है.  

एम्पलॉय प्राविडेंट फंड(EPF)-8.1%सुकन्या समृद्धि योजना(SSY)-7.6%वरिष्ठ नागरिक बचत योजना(SCSS)-7.4%पीपीएफ(PPF)-7.1% किसान विकास पत्र(KVP)-6.9% नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट(NSC)-6.8%पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट(POSB)-4%

ईपीएफ, पीपीएफ निवेश बचत का बड़ा जरियाबहरहाल ये भी सच है कि ईपीएफ, पीपीएफ, एनएससी जैसी बचत योजना निवेश का बड़ा जरिया है जो बुढ़ापे में काम आता है. सामाजिक सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण योजना है. पहले तो सरकार खुदरा महंगाई दर कम होने की दलील दे रही थी. लेकिन अब तो महंगाई छप्पफाड़ बढ़ चुकी है. खाने-पीने की चीजों से लेकर पेट्रोल डीजल रसोई गैस के दाम बढ़ रहे हैं उसके चलते बाकी चीजें भी महंगी हो रही है. ईएमआई भी महंगी हो गई है. जाहिर है इसका असर इन बचत योजनाओं में निवेश करने वालों पर की जेब पर पड़ रहा है. 

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