PSU Bank Merger: देश में सरकारी बैंकों की संख्या अब और भी कम होने वाली है. सरकार छोटे-छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज कर रही है. ऐसा करने का मकसद छोटे-छोटे बैंकों की जगह एक बड़ा बैंक बनकर तैयार हो, जिससे इनके काम करने की क्षमता में सुधार आएगा. सरकार चाहती है कि बैंकों की संख्या कम हो, लेकिन यह एक मजबूत एंटिटी बनकर उभरे ताकि फाइनेंशियल सेक्टर में सुधार लाई जा सके, लोन का दायरा बढ़ाया जा सके, बैलेंस शीट और ऑपरेशंस भी बेहतर हो. इस क्रम में अब छह और छोटे सरकारी बैंकों को मर्ज करने की तैयारी जोरो पर है.

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लिस्ट में कौन-कौन से बैंक शामिल? 

इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे पब्लिक सेक्टर के छह छोटे बैंकों को SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, PNB, केनरा बैंक या यूनियन बैंक में मिलाया जा सकता है. ये सभी छह बैंक कंसोलिडेशन के अगले फेज के लिए रडार पर हैं.

नीति आयोग का क्या था सुझाव? 

इससे पहले, नीति आयोग की एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक जैसे छोटे बैंकों को प्राइवेटाइज करें या रीस्ट्रक्चर करें. देश के थिंक टैंक का मानना ​​है कि भारत सरकार को कुछ बड़े सरकारी बैंकों को रखना चाहिए, जिनमें पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ़ बड़ौदा (BoB), केनरा बैंक, या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं. जबकि बाकी छोटे सरकारी बैंक या तो प्राइवेटाइजेशन या मर्जर का ऑप्शन चुन सकते हैं या उनमें सरकारी हिस्सेदारी कम की जा सकती है. 

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडियन ओवरसीज बैंक को SBI या PNB में मर्ज किया जा सकता है. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को PNB या BoB टेकओवर कर सकते हैं. SBI या BoB में से कोई एक बैंक ऑफ इंडिया को टेकओवर कर सकता है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र को PNB या BoB में मर्ज किया जा सकता है.

पहले इन बैंकों का हुआ था मर्जर

इससे पहले साल 2017 से 2020 के बीच 10 छोटे-छोटे सरकारी बैंक 4 बैंकों में मर्ज किए गए थे, जिससे देश में सरकारी बैंकों की संख्या 2017 के 27 से घटकर 12 हो गई थी. स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में विलय हुआ था.

जबकि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में हुआ था. देना बैंक और विजया बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ मर्ज किया गया था. सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में कर दिया गया. जबकि आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में कर दिया गया था. 

 

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