India Forex Reserve Drops: ऐसे समय में जब भारत के ऊपर हाई अमेरिकी टैरिफ लगा हुआ है और H1B वीजा की फीस बढ़ा दी गई है, इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए हरसंभव कदम केंद्र सरकार की तरफ से उठाए जा रहे हैं. उन्हीं कदमों में से एक है GST रिफॉर्म और ब्रिटेन समेत अन्य देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट. लेकिन आर्थिक मोर्चे पर मजबूती के बावजूद जहां भारतीय करेंसी अमेरिकी डॉलर की तुलना में हाल में ऑल टाइम लो पर चली गई, वहीं दूसरी तरफ एक और निराश करने वाली खबर सामने आई है. इसे सुनकर जरूर पड़ोसी दुश्मन मुल्क पाकिस्तान के साथ-साथ हर वक्त उसके साथ रहने वाला चीन भी खुश होगा.

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घट गया विदेशी मुद्रा भंडार

दरअसल, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 39.6 करोड़ डॉलर घटकर 702.57 अरब डॉलर रहा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से इस बारे में शुक्रवार को जानकारी दी गई. इसके एक सप्ताह पहले देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.69 अरब डॉलर बढ़कर 702.97 अरब डॉलर हो गया था.

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रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 19 सितंबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का प्रमुख घटक मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 86.4 करोड़ डॉलर घटकर 586.15 अरब डॉलर रहीं.

क्यों आई कमी?

डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है. केंद्रीय बैंक के अनुसार, चालू सप्ताह में देश का स्वर्ण भंडार 36 करोड़ डॉलर बढ़कर 92.77 अरब डॉलर हो गया. इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (SDR) 10.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.87 अरब डॉलर रहा. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत का आरक्षित भंडार 20 लाख डॉलर बढ़कर 4.76 अरब डॉलर पहुंच गया.

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