SEBI On Share Buyback: शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज के जरिए कंपनियों के शेयर बायबैक को खत्म करने का फैसला किया है. सेबी की हुई बोर्ड बैठक में स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए बायबैक के खत्म करने को मंजूरी दे दी गई.  

मंगलवार को सेबी की बोर्ड बैठक हुई जिसके सेबी चीफ माधवी पुरी बुच ने रेग्युलेटर ने  शेयर बाजार से शेयर बायबैक के तरीके में पक्षपात की आशंका को देखते हुए अब टेंडर रूट को वरीयता देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, यह एक क्रमिक रूप से आगे बढ़ने वाला रास्ता है और शेयर बाजार के जरिये शेयरों की पुनर्खरीद करने के मौजूदा ढंग को धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा. 

शेयर बाजारों में लिस्टेड कंपनियां निवेशकों के पास मौजूद शेयरों को खरीदने के लिए खुले बाजार से शेयरों की बायबैक करती हैं.  इसके अलावा पुनर्खरीद का एक तरीका निविदा प्रस्ताव का भी है जिसे सेबी धीरे-धीरे लागू करेगा. सेबी ने बोर्ड बैठक में यह भी तय किया है कि शेयर बाजार से होने वाली पुनर्खरीद से जुटाई गई राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा कंपनियों को इस्तेमाल करना होगा.  अभी तक यह सीमा 50 प्रतिशत ही थी. 

सेबी ने यह भी कहा कि मौजूदा व्यवस्था बने रहने तक बायबैक की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए एक्सचेंज पर एक अलग विंडो शुरू की जाएगी. शेयर बाजार से होने वाली बायबैक में शेयरों की खरीद मौजूदा बाजार भाव पर होने से अधिकांश शेयरधारकों के लिए शेयरों का स्वीकृत होना काफी हद तक संयोग पर निर्भर होता है. यह साफ नहीं होता है कि शेयरों को पुनर्खरीद के तहत लिया गया है या उन्हें खुले बाजार में बेचा गया है. इसकी वजह से शेयरधारक बायबैक के लाभ का दावा भी नहीं कर पाते हैं. 

इन समस्याओं को देखते हुए सेबी के बोर्ड ने शेयरों के बायबैक के नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है. एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन एवं सीईए केकी मिस्त्री की अगुवाई वाली एक सेबी समिति ने खुले बाजार से शेयर बायबैक को चरणबद्ध ढंग से खत्म करने की सिफारिश की थी. 

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