SEBI Update: शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कहा है कि वो तीन ऐसे मर्चेंट बैंकरों के खिलाफ जांच कर रही है जो आईपीओ के दौरान सब्सक्रिप्शन के डेटा को बढ़ा चढ़ाकर दिखाते रहे हैं. सेबी ने ऐसे मर्चेंट बैंकरों के खिलाफ कार्रवाई का भी भरोसा दिया है. 


इंवेस्टमेंट बैंकरों की लॉबी एआईबीआई (AIBI) की सालाना कॉन्फेंस को संबोधित करते हुए सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इस बात का खुलासा किया करते हुए कहा कि रेग्यूलेटर इस बात की जांच कर रहा है. उन्होंने कहा, सेबी को ऐसे मामलों की जानकारी मिली है जहां कुछ निर्दोष लोगों के खातों (Mule Accounts) का नियंत्रण अपने हाथों में लेकर शेयर बाजार में कारोबार किया जाता है. उन्होंने बताया इस प्रकार ट्रेड करने वाले वे लोग हैं, जो नहीं चाहते हैं उन्होंने जो कारोबार किया है उसका पता किसी को चले. 


माधबी पुरी बुच ने कहा, आईपीओ में ज्यादा सब्सक्रिप्शन का इंप्रेशन देने के लिए अधिक संख्या में सब्सक्रिप्शन दिखाने की प्रवृत्ति नजर आई है. उन्होंने बताया कि सेबी के पास इस बारे में आंकड़े सबूत दोनों मौजूद हैं. उन्होंने कहा, हम ऐसी गतिविधयों को देख रहे हैं. जिसमें मर्चेंट बैंकर शामिल पाए गए हैं. बार-बार ऐसी गड़बडी में नाम सामने आते हैं. इसलिए निवेशकों के हित में हमें नीति की समीक्षा के साथ-साथ प्रवर्तन कार्रवाई दोनों शुरू करने की जरूरत होगी. हालांकि सेबी प्रमुख ने इसमें लगे तीनों मर्चेंट बैंकर के नाम का खुलासा नहीं किया है. 


माधबी पुरी बुच का बयान तब आया है जब हाल के दिनों में आईपीओ लेकर आने वाली कंपनियों के सब्सक्रिप्शन में जोरदार उछाल देखने को मिला है. भारी भरकम सब्सक्रिप्शन वाले आईपीओ की स्टॉक एक्सचेंज पर शानदार लिस्टिंग भी देखने को मिली है. एसएमई कंपनियों से जुड़े आईपीओ को लेकर सेबी चेयरपर्सन ने कहा, दोनों ही एक्सचेंज के बोर्ड अलग अलग हैं. रिटेल इंवेस्टर्स को ये समझना जरुरी है कि मेनबोर्ड में शामिल कंपनियां कई मायनों में एसएमई कंपनियों से अलग हैं. इनकी रिपोर्टिंग, कम्पलॉयंस और लिस्टिंग की जरुरतें भी अलग होती है जिससे रिस्क बढ़ जाता है. 


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