Gensol Engineering Scam: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रोमोटरों अनमोल सिंह जग्गी तथा पुनीत सिंह जग्गी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. इन पर जेनसोल इंजीनियरिंग में फंड का दुरुपयोग करने, शेयर बाजार में हेरफेर करने के लिए भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगा है.
जेनसोल पर सेबी का सख्त एक्शन
मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में सेबी ने इस सोलर पावर कंसल्टेंसी फर्म को स्टॉक स्प्लिट करने और साथ ही दोनों प्रोमोटरों को प्रमुख प्रबंधन पद पर रहने से रोक दिया है. इसके अलावा, उन्हें शेयर बाजार में किसी प्रकार का लेनदेन करने से भी रोक दिया है. बता दें कि जेनसोल इंजीनियरिंग ने हाल ही में 1:10 स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया था.
कंपनी की वित्तीय गतिविधियों का पता लगाने और उसकी गहन जांच करने के लिए सेबी अब एक ऑडिटर नियुक्त करेगा, जिन्हें छह महीने के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी. कंपनी की वित्तीय गतिविधियों का पता लगाने और उसकी गहन जांच करने के लिए सेबी अब एक ऑडिटर नियुक्त करेगा, जिन्हें छह महीने के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी.
क्या है मामला?
दरअसल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) लीजिंग और सोलर EPC सेवाएं देने वाली इस कंपनी ने IREDA और Power Finance Corporation से लगभग 977 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इनमें से 663 रुपये EV खरीदने के लिए लिया गया था. बाद में इसकी जांच हुई तो पता चला कि कंपनी ने सिर्फ 4,704 ही इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदे. इनकी कीमत 567.73 करोड़ रुपये बताई गई.
जबकि बाकी के करीब 207 करोड़ रुपये के फंड का कहीं और डायवर्जन कर दिया गया. आरोप है कि बाकी के बचे पैसे प्रमोटर्स और उनके रिश्तेदारों से जुड़ी संस्थाओं को ट्रांसफर किए गए. इसके अलावा, आरोप है कि Gensol ने Wellray Solar नामक कंपनी के जरिए शेयरों की भारी ट्रेडिंग करवाई, कृत्रिम रूप से इनकी कीमत बढ़वाई, जो सेबी के नियमों के खिलाफ है.
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