Mutual Funds: म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की बॉडी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया ने सभी म्यूचुअल फंड्स के ट्रस्टीज को स्मॉल-कैप और मिड-कैप स्कीम्स में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का ख्याल रखने के लिए पॉलिसी तैयार करने को कहा है. एम्फी ने  कहा कि सेबी की ओर से उसे सभी म्यूचुअल फंड्स तक ये बात पहुंचाने के लिए कहा गया है. 


एम्फी ने म्यूचुअल फंड्स को लिखे पत्र में कहा कि सेबी ने अपने आदेश में कहा कि बाजार में स्मॉल-कैप  और मिडकैप सेगमेंट्स जिस प्रकार का इंफ्लो तेजी के साथ उठापटक बढ़ रहा है ट्रस्टीज को एएमसी के यूनिट होल्डर प्रोटेक्शन कमिटी के साथ मिलकर ऐसा पॉलिसी तैयार करना चाहिए जो निवेशक के हित में हो. 


सेबी ने कहा कि एसेट मैनेजर्स कंपनी और फंड मैनेजर्स निवेशकों के हितों को ऐसा कदम उठायें जो जरूरी और त्वरित हो इंफ्लो को नियंत्रित करना, पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग शामिल हैं, लेकिन ये इसी तक सीमित ना रहे.  सेबी ने कहा कि ये भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है  कि पहले रिडेम्प्शन की पहल करने वाले निवेशकों के चलते दूसरे निवेशक पीछे ना छूट जाएं. सेबी ने अपने आदेश में सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को ट्रस्टीज से अप्रूवल लेकर 21 दिनों में वेबसाइट पर ये पॉलिसी को सार्वजनिक करने को कहा है.


दरअसल सेबी के नए आदेश की जानकारी देते हुए एम्फी के म्यूचुअल फंड्स को पत्र लिखा जिसके बाद आज के ट्रेड में शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. जिसमें सबसे ज्यादा गिरावट की मार स्मॉल-कैप  और मिड-कैप स्टॉक्स पर पड़ी है. 


स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में निवेश की बाढ़ ने  शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी की चिंता बढ़ा दी है. सेबी को ये चिंता सता रही है कि अगर शेयर बाजार में तेज गिरावट आई तो म्यूचुअल फंड्स के स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स कैसा वर्ताव करेंगे. सेबी ने म्यूचुअल फंड्स के एसेट मैनेजर्स से कहा है स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में निवेश से जुड़े जोखिमों की ज्यादा जानकारियां निवेशकों को उपलब्ध कराई जाए. 


ये भी पढ़ें 


High Networth Individuals: नाइट फ्रैंक वेल्थ रिपोर्ट का खुलासा, 5 सालों में 50% से ज्यादा बढ़ जाएगी देश में अमीरों की संख्या