Sebi Board Meeting December 2025: बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का निदेशक मंडल बुधवार को एक अहम बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के हितों के टकराव से जुड़े मुद्दों पर गठित उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट पर विचार करेगा. सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय की अध्यक्षता में होने वाली यह उनकी चौथी बोर्ड बैठक होगी, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सुझाए गए व्यापक सुधारों पर चर्चा की जाएगी.
सेबी की अहम बैठक
समिति ने सेबी के शीर्ष अधिकारियों के लिए संपत्तियों के सार्वजनिक खुलासे, सुरक्षित और गुमनाम व्हिसलब्लोअर सिस्टम की स्थापना, महंगे उपहारों पर प्रतिबंध, सेवानिवृत्ति के बाद दो साल तक किसी पद पर नियुक्ति पर रोक और ‘मुख्य नैतिकता एवं अनुपालन अधिकारी’ (CECO) का नया पद सृजित करने जैसी सिफारिशें की हैं.
इसके अलावा बैठक में एनआरआई के लिए केवाईसी मानकों में ढील देने, शेयर बाजार में ‘समापन नीलामी सत्र’ शुरू करने और म्यूचुअल फंड व स्टॉक ब्रोकर नियमों में प्रस्तावित बदलावों पर भी विचार होगा. सेबी पहले ही म्यूचुअल फंड नियमों में टीईआर (टोटल एक्सपेंस रेशियो) की स्पष्ट परिभाषा, ब्रोकरेज शुल्क की नई सीमाएं तय करने और वैधानिक करों को टीईआर से बाहर रखने जैसे सुझावों पर परामर्श पत्र जारी कर चुका है.
इसके साथ ही बोर्ड 1992 के स्टॉक ब्रोकर विनियमों की समीक्षा और एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग की स्पष्ट परिभाषा जोड़ने के प्रस्ताव पर भी फैसला ले सकता है, जिससे बाजार में पारदर्शिता और नियामकीय स्पष्टता को और मजबूती मिलेगी.
एनसीडीईएक्स को सेबी की मंजूरी
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) को म्यूचुअल फंड लेनदेन मंच शुरू करने के लिए बाजार नियामक सेबी से सैद्धांतिक मंजूरी मिलना एक्सचेंज के लिए एक अहम रणनीतिक कदम माना जा रहा है. एनसीडीईएक्स ने सोमवार को बताया कि इस नई सुविधा के जरिए निवेशक म्यूचुअल फंड की इकाइयों की खरीद और बिक्री कर सकेंगे, जिससे कमोडिटी आधारित कारोबार तक सीमित रहने वाला यह एक्सचेंज अपने दायरे का विस्तार करेगा.
कंपनी के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म भविष्य में प्रस्तावित इक्विटी कारोबार खंड की दिशा में एक शुरुआती और मजबूत आधार तैयार करेगा, जिससे एनसीडीईएक्स एक मल्टी-एसेट एक्सचेंज के रूप में उभर सकता है. इस प्रस्तावित म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म पर समाशोधन और निपटान (क्लियरिंग एंड सेटलमेंट) की जिम्मेदारी नेशनल कमोडिटी क्लियरिंग लिमिटेड (एनसीसीएल) निभाएगी, जो एनसीडीईएक्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है.
इससे लेनदेन प्रक्रिया में पारदर्शिता, सुरक्षा और समयबद्ध निपटान सुनिश्चित होने की उम्मीद है. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि एनसीडीईएक्स का यह कदम निवेशकों को एक अतिरिक्त विकल्प देगा और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से म्यूचुअल फंड निवेश को और आसान व सुलभ बनाया जा सकेगा. साथ ही, यह पहल भारतीय पूंजी बाजार में एक्सचेंजों की भूमिका को और व्यापक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत भी मानी जा रही है.
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