नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जेपी एसोसिएट्स को अपने पहले के आदेशानुसार 125 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि निर्देश के पालन में विफल रहने पर उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया जाएगा और तिहाड़ जेल भेजा सकता है.


जेपी इंफ्राटेक से घर खरीदने वालों के पैसे वापस
यह राशि 2000 करोड़ रुपये का हिस्सा है, जिसे उच्चतम न्यायालय ने जेपी एसोसिएट्स को रजिस्ट्रार के पास जमा करने को कहा है. इस राशि से जेपी इंफ्राटेक से घर खरीदने वालों के पैसे वापस किए जाएंगे. जेपी एसोसिएट्स को 25 जनवरी तक 125 करोड़ रुपये जमा करने हैं.


चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलककर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने जेपी एसोसिएट्स को आदेश दिया है कि अपने सभी रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट्स का ब्योरा देते हुए एक एफिडेविट दाखिल करे.


आईबीसी के तहत कार्रवाई पर बाद में विचार होगा
भारतीय रिजर्व बैंक ने जेपी एसोसिएट्स के खिलाफ दिवाला व दिवालियापन संहिता-इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत कार्यवाही शुरू करने की मांग का आवेदन दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह इस मांग पर बाद में विचार करेगी और पहले जेपी को ये रकम जमा करानी होगी ताकि जेपी के घर खरीदारों को जल्द से जल्द राहत मिल सके.


जेपी एसोसिएट ने अब तक इतनी रकम जमा कराई 
22 नवंबर को फर्म ने 225 करोड़ रुपये ड्राफ्ट के रूप में जमा कराए थे और 16 दिसंबर को कंपनी ने कोर्ट में 150 करोड़ रुपये जमा कराए थे. कंपनी को इसके बाद 2 किस्तों में 150 करोड़ रुपये और दूसरी किस्त जो 125 करोड़ रुपये 31 दिसंबर को जमा करानी थी उसी सिलसिले में कोर्ट ने ये राहत दी थी. इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने जेपी के घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए कंपनी को थोड़ा और समय दे दिया था पर आज अदालत ने जेपी ग्रुप को चेतावनी दे दी है.


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