नई दिल्लीः देश की सकल घरेलू उत्पाद-ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है. एसबीआई की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख संकेतकों मसलन सीमेंट उत्पादन, वाहन बिक्री और बैंक कर्ज में सुधार हुआ है. एसबीआई का यह आकलन उसके कम्पोजिट लीडिंग इंडिकेटर (सीएलआई) पर आधारित है. इसमें 18 प्रमुख वृहद आर्थिक संकेतकों को शामिल किया जाता है. एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया है कि सीएलआई से संकेत मिलता है कि पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और सकल मूल्य वर्धन-ग्रॉस वैल्यू एडिशन (जीवीए) वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहेगी. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख जीवीए कमजोर कृषि वृद्धि की वजह से नीचे आ सकती है. पहली तिमाही में जीवीए की वृद्धि में सीमेंट प्रोडक्शन, यात्रियों की संख्या, कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल की बिक्री, नॉन फूड आर्टिकल कर्ज में इजाफे और विमानों की आवाजाही का प्रमुख योगदान होगा. केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी वृद्धि आंकड़े 31 अगस्त को जारी करेगा. एशियाई विकास बैंक ने जताया था भारत पर भरोसा, कहा-चीन से ज्यादा तेजी हासिल करेगा भारत अभी हाल ही में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा था कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. एडीबी ने पिछले महीने जुलाई में कहा था कि 2018-19 और 2019- 20 में चीन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. एडीबी के मुताबिक भारत की वृद्धि दर 2018-19 में 7.3 फीसदी और 2019- 20 में 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके साथ ही भारत चीन को पीछे छोड़ते हुये सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. एडीबी के मुताबिक साल 2018 में चीन की विकास दर 6.6 फीसदी पर रहेगी जबकि भारत की विकास दर 7.3 फीसदी पर रहेगी.