आपने एक से बढ़कर एक अमीरों के किस्से सुने होंगे. भारत में ही अंबानी से लेकर अडानी तक ऐसे कई अमीर हैं, जिनके पास अपने प्राइवेट जेट हैं. किसी के पास अपनी प्राइवेट ट्रेन हो, आपने ऐसा किस्सा कभी नहीं सुना होगा. यह वाकई में संभव भी नहीं है, लेकिन एक बार ऐसा हो चुका है. बात बहुत पुरानी भी नहीं है. बस 6 साल पहले की बात है, जब पंजाब का एक किसान पूरी ट्रेन का मालिक बन गया था और ऐसा काम कर दिखाया था, जो अंबानी-अडानी भी नहीं कर पाए हैं.


रेलवे की ये गलती थी जिम्मेदार


दरअसल यह मामला रेलवे के भूमि अधिग्रहण से जुड़ा हुआ है. इस मामले में रेलवे ने गलती कर दी थी, जो उसे भारी पड़ गई थी और किसान ने स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस को अपने कब्जे में ले लिया था. मजेदार है कि 2017 के इस मामले में पंजाब के किसान ने बाकायदा कोर्ट के ऑर्डर के साथ पूरी ट्रेन को अपने कब्जे में लिया था.


जमीन के अधिग्रहण से कनेक्शन


यह कहानी है पंजाब के लुधियाना के कटाणा गांव के निवासी किसान संपूर्ण सिंह की. रेलवे ने लुधियाना-चंडीगढ़ रेल लाइन के लिए 2007 में किसानों की जमीनें ली थी. उसमें जिन किसानों की जमीनें गई थीं, उनमें संपूर्ण सिंह भी एक थे. जैसा कि इस तरह के मामलों में होता है, अधिग्रहित की गई जमीन के बदले रेलवे की ओर से मुआवजा दिया जाता है, इस मामले में भी हुआ.


इस आधार पर कोर्ट पहुंचे संपूर्ण सिंह


हालांकि रेलवे से एक चूक हो गई. संपूर्ण सिंह को 25 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा मिला था, लेकिन कुछ किसानों को 71 लाख रुपये के हिसाब से. इसे लेकर संपूर्ण सिंह 2012 में कोर्ट पहुंच गए. कोर्ट ने संपूर्ण सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया और रेलवे को 1.47 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया. रेलवे को यह भुगतान 2015 तक करने के लिए कहा गया.


कोर्ट ने सुना दिया ये आदेश


रेलवे ने तय समय में संपूर्ण सिंह को सिर्फ 42 लाख रुपये का भुगतान किया. इस बात पर संपूर्ण सिंह ने फिर से कोर्ट में अर्जी दी. अर्जी पर सुनवाई करते हुए सेशन जज ने संपूर्ण सिंह को कहा कि वे दिल्ली से अमृतसर के बीच चलने वाली दिल्ली-अमृतसर स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस (Delhi-Amritsar Swarna Shatabdi Express) को अपने कब्जे में ले लें.


कुछ ही देर रहे ट्रेन के मालिक


किसान संपूर्ण सिंह उसके बाद कोर्ट का आदेश लेकर लुधियाना स्टेशन पर पहुंचे और उन्होंने आदेश के अनुसार दिल्ली-अमृतसर स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस को अपने कब्जे में ले लिया. हालांकि 5 मिनट में ही मामले को सुलझा लिया गया, लेकिन कुछ ही देर के लिए सही लेकिन किसान संपूर्ण सिंह दिल्ली-अमृतसर स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस के ऑनर बन गए.


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