Russia-Ukraine War Impact: रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गुजरात का हीरा उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है. युद्ध की वजह से इस उद्योग में काम करने वाले लाखों मजदूरों की कमाई पर गंभीर संकट आ गया है. खासतौर से सौराष्ट्र क्षेत्र के ग्रामीण हिस्से में काम करने वाली डायमंड यूनिट्स इस लड़ाई से सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं. उद्योग के प्रतिनिधियों ने बताया कि ये इकाइयां प्रोसेसिंग और पॉलिश करने के लिए रूस से छोटी मात्रा में हीरों का इंपोर्ट करती हैं.

यूक्रेन युद्ध की वजह से गुजरात के लाखों हीरा श्रमिकों की आजीविका संकट मेंजेम्स एंड ज्वैलर्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के रीजनल चेयरमैन दिनेश नवादिया ने कहा कि राज्य की डायमंड इंडस्ट्री में करीब 15 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. रूस से छोटे साइज के कच्चे हीरों की सप्लाई में कमी की वजह से गुजरात के व्यापारी अफ्रीकी देशों और अन्य जगहों से कच्चा माल खरीदने को मजबूर हैं, जिससे उनके मुनाफे पर असर आ रहा है. इसलिए राज्य की हीरा यूनिट्स ने अपने श्रमिकों और पॉलिश करने वालों के काम के घंटों में कटौती की है जिससे उनकी जीवन यापन के ऊपर असर देखा गया है.

बड़ी कंपनियों ने ई-मेल भेजकर कहा- रूसी सामान नहीं खरीदेंगीबड़े साइज के हीरों की प्रोसेसिंग मुख्य रूप से गुजरात के सूरत शहर की यूनिट्स में की जाती है. अमेरिका को भारत से 70 फीसदी कटे और पॉलिश हीरों का निर्यात किया जाता है. रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद उसने रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. नवादिया ने कहा कि अमेरिका में कुछ बड़ी कंपनियों ने पहले ही उन्हें ई-मेल भेजकर कहा है कि वे रूसी सामान नहीं खरीदेंगी.

गुजरात के इन जिलों के हीरा मजदूरों पर पड़ा बुरा असरदिनेश नवादिया ने कहा कि इस वजह से खासतौर से सौराष्ट्र के भावनगर, राजकोट, अमरेली और जूनागढ़ जिलों के हीरा श्रमिक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा राज्य के उत्तरी हिस्से के श्रमिकों पर भी इसका असर पड़ा है. "हम रूस से लगभग 27 फीसदी कच्चे हीरे का इंपोर्ट कर रहे थे लेकिन युद्ध के कारण अब इतनी मात्रा गुजरात में प्रोसेसिंग यूनिट्स तक नहीं पहुंच रही है, जिससे वहां काम प्रभावित हो रहा है." गुजरात में डायमंड प्रोसेसिंग में शामिल पूरे श्रमबल का लगभग 50 फीसदी छोटे आकार के हीरों पर काम करता है, जिन्हें स्थानीय रूप से 'पटली' कहा जाता है.

युद्ध से पहले गुजरात में पॉलिश के लिए इंपोर्ट किए जाने वाले 30 फीसदी कच्चे हीरे रूस की डायमंड माइनिंग कंपनी अलरोसा से आते थे. गुजरात में पॉलिश और प्रोसेसिंग के लिए आने वाले हीरों में से 60 फीसदी रूस से आते हैं. इनमें से ज्यादातर छोटे साइज के हीरे हैं.

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