नई दिल्लीः भारत में अरबपतियों, करोड़पतियों की संख्या काफी ज्यादा है पर एक तथ्य जो सबको हैरान कर देगा वो ये है कि भारत में 57 अरबपति के पास जितनी संपत्ति है वो देश की 70 फीसदी आबादी की संपत्ति के बराबर है. यानी देश की 70 फीसदी आबादी की संपत्ति एक तरफ और इन 57 अरबपति की संपत्ति एक तरफ. देश की कुल 57 फीसदी संपत्ति 1 फीसदी अमीरो में भी अमीर के पास है. साथ ही 57 अरबपतियों के पास आबादी के निचले 70 फीसदी के बराबर की संपत्ति है. ये तथ्य एक गैर सरकारी संगठन ऑक्सफॉम इंटरनेशनल की रिपोर्ट में सामने आये हैं.

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी हो, सन फार्मा के दिलीप सांघवी या फिर विप्रो के अजीम प्रेमजी अरबपति हैं, ये बात हर किसी को पता है. लेकिन ऐसे चुनिंदा अरबपतियों के पास देश की कुल संपत्ति का कितना हिस्सा है, ये जानकारी आपको हैरानी हो जाएगी. गैर सरकारी संगठन ऑक्सफॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक,

  • देश में कुल 84 अरबपति है जिनके पास कुल मिलाकर 248 अरब डॉलर की संपत्ति है. 67 रुपये प्रति डॉलर के लिहाज से ये रकम 16 लाख 61 हजार 600 करोड़ रुपये बनती है.
  • वही देश में निचली 70 फीसदी आबादी के पास कुल मिलाकर 216 अरब डॉलर यानी 14 लाख 47 हजार 200 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है.
  • देश के निचले 70 फीसदी आबादी के बराबर की संपत्ति सिर्फ 57 अरबपतियों के पास है.
  • अरबपतियों की सूची में मुकेश अंबानी 19.3 अरब डॉलर के साथ पहले स्थान पर हैं जबकि 16.7 अरब डॉलर के साथ दिलीप सिंघवी दूसरे और 15 अरब डॉलर के साथ अजीम प्रेमजी तीसरे स्थान पर है.

ऑक्सफॉम इंडिया की सीईओ निशा अग्रवाल ने कहा कि रिपोर्ट की मानें तो अमीर और अमीर हो रहे हैं जबकि गरीब और भी गरीब. ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि बढ़ती गरीबीं के बीच महिलाओं की हालत और खराब हुई.

रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो दशक में भारत, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, बांग्लादेश और श्रीलंका में अमीरों में अमीर 10 फीसदी आबादी की आमदनी 15 फीसदी की दर से भी ज्यादा बढ़ी जबकि गरीबों में गरीब 10 फीसदी की आमदनी 15 फीसदी से भी ज्यादा घट गयी.

महिला मजदूरों की बात करें तो सबसे कम मजदूरी पाने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी है जबकि सबसे ज्यादा पाने वालों में महज 15 फीसदी. गांवो में रहने वाली 40 करोड़ महिलाओं में से 40 फीसदी खेती बारी और इससे जुड़ी गतिविधियो में शामिल हैं, लेकिन उन्हे पुरुष किसानों के बराबर दर्जा नहीं मिलता. इस वजह से उन्हे सरकारी योजनाओं का पूरा पूरा फायदा नहीं मिल पाता.

एन इकोनॉमी फॉर द 99 परसेंट शीर्षक से प्रकाशित ये रिपोर्ट स्विटजरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक के ऐन पहले जारी की गयी है. रिपोर्ट मे मानवीय संवेदनाओं पर आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने की पूरजोर वकालत की गयी है जिससे आर्थिक गतिविधियों का फायदा कुछ गिने चुने लोगों को नहीं, बल्कि सभी को मिले.

ऑक्‍सफेम के अपने अध्‍ययन में इस बात का खुलासा किया है कि दुनिया भर में सिर्फ 8 लोगों के पास ही पूरी दुनिया की आधी से ज्‍यादा संपत्ति है. ऑक्‍सफेम ने फोर्ब्‍स की अरबपतियों की लिस्‍ट के हवाले से कहा कि फोर्ब्‍स के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर व्‍यक्ति हैं जिनकी कुल संपत्ति करीब 75 अरब डॉलर है. इसके बाद अरबपतियों की लिस्‍ट में फैशन हाउस इंडीटेक्‍स के संस्‍थापक अमानसियो ऑरटेगा, वॉरेन बफेट, मैगनेट कार्लोस स्लिम हेलू, अमेजन के मालिक जेफ बीजोस, फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग, ओरेकल लैरी एलिसन और ब्‍लूमबर्ग शामिल हैं.

ऑक्‍सफेम के अध्‍ययन में कहा गया है कि भारत में 84 अरबपति हैं जिनकी कुल संपत्ति 248 अरब डॉलर है. इनमें 19.3 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी शीर्ष पर हैं. इसके बाद दिलीप सांघवी की संपत्ति 16.7 अरब डॉलर और विप्रो के मालिक अजीम प्रेमजी की संपत्ति 15 अरब डॉलर है. देश की कुल संपत्ति 3100 अरब डॉलर है. ऑक्‍सफेम की स्टडी में भारत की कुल संपत्ति करीब 211 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है जबकि पूरी दुनिया की कुल संपत्ति करीब 17427 लाख करोड़ रुपये बताई गई है. दुनिया की इस संपत्ति में करीब 4500 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति सिर्फ 8 लोगों के पास है.

ऑक्सफेम इंटरनेशनल ने ये तथ्य अपनी नई रिपोर्ट ‘एन इकॉनोमी फॉर द 99 पर्सेंट’ में बताया है कि पिछले 2 दशक में चीन, भारत, इंडोनेशिया और श्रीलंका में अमीर 10 फीसदी लोगों की संपत्ति 15 फीसदी बढ़ी है जबकि गरीब 10 फीसदी लोगों की आमदनी 15 फीसदी घटी है. यानी इन देशों में अमीर और अमीर हो रहे हैं वहीं गरीब और गरीब हो रहे हैं और अमीरों गरीबों के बीच खाई बढ़ती जा रही है. किसी भी कंपनी के सीईओ और नीचे के कर्मचारी के तनख्वाह में भारी अंतर है. देश की टॉप की सूचना फर्म के सीईओ इस कंपनी के कर्मचारी की तुलना में 416 गुना ज्यादा कमाते हैं. संस्थानों, कंपनी, फर्म के बीच मुनाफे का बंटवारा सही नहीं है. वहीं महिलाओं की मजदूरी पुरुषों के मुकाबले कम है.

इसके अलावा दावोस में ‘विश्व आर्थिक मंच’ की शुरूआत से पहले ऑक्सफेम ने कहा है कि दुनिया में 9 व्यक्तियों के पास उतनी संपत्ति है जितनी दुनिया की आधी आबादी के पास है. जिन आठ उद्योगपतियों का जिक्र ऑक्सफेम ने किया है उनमें अमेरिका के छह, स्पेन और मेक्सिको के एक एक उद्योगपति शामिल हैं. ऑक्सफेम के अनुसार, इन उद्योगपतियों के पास जितनी संपत्ति है वह संपत्ति दुनिया के सबसे गरीब 3.6 अरब लोगों के पास मौजूद संपत्ति के बराबर है. साल 2015 में जारी रिपोर्ट में 62 लोगों के पास अकेले इतना पैसा था जितना कि दुनिया की आधी जनता के पास था. लेकिन इस साल मात्र 8 लोगों के पास उतना पैसा है. यानी अति अमीर और गरीब के बीच की ये खाई और भी गहरी हुई है.

भारत में सबसे अमीर कौन अरबपतियों में 19.3 बिलियन डॉलर की वेल्थ के साथ मुकेश अंबानी नंबर 1 काबिज हैं. 16.7 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दिलीप सांघवी दूसरे नंबर पर और 15 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ अजीम प्रेमजी तीसरे नंबर पर हैं.

ऑक्‍सफेम की रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि दुनिया भर में सिर्फ 8 लोगों के पास ही पूरी दुनिया की आधी से ज्‍यादा संपत्ति है. इस बात का खुलासा ऑक्‍सफेम ने वर्ल्‍ड इकॉनामिक फोरम के उद्घाटन समारोह के मौके पर दावोस में किया है. ऑक्‍सफेम ने फोर्ब्‍स की अरबपतियों की लिस्‍ट का हवाला देते हुए कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स दुनिया के सबसे धनवान व्‍यक्ति हैं जिनकी कुल संपत्ति करीब 75 अरब डॉलर है. इसके बाद फैशन हाउस इंडीटेक्‍स के संस्‍थापक अमानसियो ऑरटेगा, वॉरेन बफेट, मैगनेट कार्लोस स्लिम हेलू, अमेजन के मालिक जेफ बीजोस, फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग, ओरेकल लैरी एलिसन और ब्‍लूमबर्ग शामिल हैं.

दावोस में कल यानी मंगलवार से शुरू हो रही वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक के एजेंडे में असमानता मुख्य मुद्दा है. ये शुक्रवार तक चलेगी और ‘विश्व आर्थिक मंच’ की सालाना बैठक में करीब 3000 लोग हिस्सा लेंगे.