Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित बैंक द बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (The Baghat Urban Co-operative Bank) के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए प्रति ग्राहक निकासी की सीमा 10,000 रुपये कर दी है. यानी कि जमाकर्ता बैंक में अपने सेविंग्स, करंट या अन्य किसी अकाउंट से एक बार में अधिकतम 10,000 तक ही रुपये निकाल सकेंगे. रिजर्व बैंक ने बैंक की मौजूदा नकदी की स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया है.

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बैंक पर किस तरह के लगाए गए प्रतिबंध? 

बैंक की तरफ से पर्यवेक्षी चिंताओं को दूर करने और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए प्रयासों में कमी को देखते हुए रिजर्व बैंक को मामले में दखल देना पड़ा. RBI ने बैंक पर और भी अंकुश लगाए हैं, जिसके तहत रिजर्व बैंक की लिखित अनुमति के बैंक न तो लोन दे सकता है, न कोई अग्रिम राशि दे सकता है, बैंक कोई देनदारी भी नहीं कर सकता है जैसे कि उधार देना या नया डिपॉजिट लेना.

इंश्योरेंस क्लेम कर सकेंगे जमाकर्ता

RBI ने कहा, "बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए बैंक को जमाकर्ता के बचत बैंक या चालू खाते या किसी अन्य खाते में जमा कुल शेष राशि में से अधिकतम 10,000 रुपये की निकासी की अनुमति देने का निर्देश दिया गया है. हालांकि, बैंक को ग्राहकों की जमा राशि को उनके ऋण के खिलाफ समायोजित करने का अधिकार है.''

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पात्र जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कोऑपरेशन (DICGC) से अधिकतम पांच लाख रुपये तक अपनी जमा राशि पर इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं. हालांकि, आरबीआई ने यह भी साफ तौर पर कह दिया है कि इन निर्देशों के जारी होने को आरबीआई द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए. जब तक बैंक की वित्तीय स्थिति नहीं सुधरती है तब तक इन्हीं प्रतिबंधों के अधीन बैंक अपना कामकाज जारी रखेगा.

 

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