RBI Guidelines For RTGS and NEFT : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. RBI ने शुक्रवार को विदेशी चंदे (Foreign Donations) को लेकर आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) सिस्टम में कई बदलाव किये गए है. आरबीआई की तरफ से फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) से संबंधित लेन-देन के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम में यह बदलाव हुआ है. आरबीआई की ओर से जारी नई गाइडलाइन 15 मार्च, 2023 से प्रभावी हो जाएगी. जानिए क्या है नया अपडेट....


RBI ने SBI बैंक को दिए निर्देश 


आरबीआई ने ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम में भाग लेने वाले सभी सदस्य बैंकों को नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है. आरबीआई ने कहा कि एनईएफटी और आरटीजीएस सिस्टम के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक (SBI Bank) को विदेशी दान लेते समय आवश्यक विवरण प्राप्त करने के लिए अपने कोर बैंकिंग, मिडलवेयर समाधानों में कुछ सुधार करने की जरूरत है. 


गृह मंत्रालय को देनी होगी जानकारी 


आरबीआई ने विदेशी दानदाताओं के सभी विवरणों की रिपोर्ट के लिए गृह मंत्रालय (Ministry Of Home Affairs) को बाध्य कर दिया है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI Bank) से विदेश से भेजे जाने वाले पैसे सहित विदेशी चंदा देने वालों के बारे में दैनिक आधार पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजने के लिये कहा गया है. RBI ने कहा कि दानकर्ता के नाम, पते, देश, राशि, मुद्रा और भेजने के उद्देश्य सहित कई तरह के विवरण को बताने होंगे. इसके बारे में SBI को दैनिक आधार पर गृह मंत्रालय को जानकारी देनी होगी.


सीधे एफसीआरए खाते में आये पैसा 


नए नियम के मुताबिक, फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत विदेशी चंदा एसबीआई की नई दिल्ली मुख्य शाखा के एफसीआरए खाते में ही आना चाहिए. विदेशी बैंकों से एफसीआरए खाते में योगदान सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस (स्विफ्ट) और भारतीय बैंकों से NEFT और RTGS के जरिये भेजा जाता है. एफसीआरए खाते में योगदान सीधे विदेशी बैंकों से स्विफ्ट के जरिये और भारतीय मध्यस्थ बैंकों के माध्यम से आता है.


15 मार्च से लागू होंगे नियम 


RBI ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) से संबंधित लेन देन के लिए कई बड़े बदलाव किए गए है. ये बदलाव एनईएफटी (National Electronic Fund Transfer-NEFT) और आरटीजीएस (Real Time Gross Settlement - RTGS) सिस्टम में आवश्यक बदलाव किए है. आरबीआई ने कहा कि यह नए दिशा-निर्देश देशभर में 15 मार्च, 2023 से लागू करने को कहा है. 


NGO के पंजीकरण रद्द 


2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से, एफसीआरए से संबंधित नियमों को अब जाकर कड़ा किया गया है. इसके तहत अब तक कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर लगभग 2,000 गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के एफसीआरए पंजीकरण भी रद्द कर दिए गए है. दिसंबर 2021 के अंत तक 22,762 एफसीआरए-पंजीकृत थे.


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