Ola Employee Suicide Case: ओला इलेक्ट्रिक के 38 साल के एक इंजीनियर की आत्महत्या के मामले में सीईओ Bhavish Aggarwal को कुछ राहत मिली है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु पुलिस को ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के फाउंडर भाविश सहित दूसरों को परेशान न किए जाने का आदेश दिया है. बता दें कि बेंगलुरु पुलिस ने भाविश के साथ-साथ सीनियर एग्जीक्यूटिव सुब्रत कुमार दास के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.

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जस्टिस मोहम्मद नवाज ने पिछले सप्ताह पारित एक आदेश में कहा कि पुलिस को जांच के नाम पर याचिकाकर्ताओं भाविश अग्रवाल, ओला इलेक्ट्रिक कंपनी और सुब्रत कुमार दास को परेशान नहीं करना चाहिए. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा, "सुब्रमण्यपुरा पुलिस स्टेशन बेंगलुरु शहर में दर्ज मामले की जांच कर रही पुलिस, जांच की आड़ में पुलिस याचिकाकर्ताओं को परेशान नहीं करेगी." मृतक इंजीनियर का नाम K. Aravind था, जो साल 2022 से ओला इलेक्ट्रिक में होमोलोगेशन इंजीनियर के तौर काम कर रहे थे.

Aravind के बड़े भाई ने दर्ज कराई शिकायत 

Aravind के बड़े भाई K.Ashwin ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने Aravind को बार-बार बेइज्जत करने, उस पर प्रेशन बनाने और सैलरी न देने का आरोप लगाया है, जिससे परेशान होकर Aravind ने आत्महत्या करने का रास्ता चुना. Ashwin की तरफ से दर्ज FIR को ओला इलेक्ट्रिक ने चुनौती दी है. यह मामला फिलहान कर्नाटक हाई कोर्ट में विचाराधीन है.

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इधर, ओला इलेक्ट्रिक ने सफाई देते हुए एक आधिकारिक बयान में कहा कि अरविंद ने ओला इलेक्ट्रिक में अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर कभी किसी के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज नहीं कराई. इसके अलावा, अरविंद का जो रोल था उसमें उसका कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के साथ कोई डायरेक्ट कनेक्शन नहीं था.

अरविंद ने जहर पीकर की जान देने की कोशिश

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अरविंद ने 28 सितंबर 2025 को चिक्कलसांद्रा में अपने अपार्टमेंट में अपने अपार्टमेंट में जहर पीकर जान देने की कोशिश की थी. इस घटना का पता चलने के बाद अरविंद को तुरंत महाराजा अग्रसेन अस्पताल ले जाया गया, जहां तमाम कोशिशों के बावजूद अरविंद को नहीं बचाया सका. अरविंद अपने पीछे एक सुसाइड नोट छोड़ गए, जिसमें उन्होंने कंपनी और स्टाफ पर कई गंभीर आरोप लगाए. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अरविंद ने 28 सितंबर 2025 को चिक्कलसांद्रा में अपने अपार्टमेंट में अपने अपार्टमेंट में जहर पीकर जान देने की कोशिश की थी. इस घटना का पता चलने के बाद अरविंद को तुरंत महाराजा अग्रसेन अस्पताल ले जाया गया, जहां तमाम कोशिशों के बावजूद अरविंद को नहीं बचाया सका. अरविंद अपने पीछे एक सुसाइड नोट छोड़ गए, जिसमें उन्होंने कंपनी और स्टाफ पर कई गंभीर आरोप लगाए.