Reliance Power News: रिलायंस पावर लिमिटेड (Reliance Power Limited) ने शनिवार को कहा कि अशोक पाल ने तत्काल प्रभाव से कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) के पद से इस्तीफा दे दिया है.

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कंपनी ने 7 नवंबर और 14 नवंबर, 2024 की फाइलिंग का हवाला दिया, जिसमें 68 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी फिलीपींस के एक फर्जी बैंक से जारी किए जाने का खुलासा हुआ था. इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में एक आपराधिक शिकायत दर्ज की गई थी. इस केस को लेकर 11 नवंबर, 2024 को एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी. 

क्या है मामला? 

ईडी की जांच के मुताबिक, यह पूरा मामला रिलायंस पावर की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस न्यू बीईएसएस लिमिटेड से संबंधित है, जिसका पहले नाम महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड था. इस कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड  (SECI) के पास  68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी जमा की थी. बाद में हुई जांच में यह फर्जी पाया गया.

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पता चला कि कंपनी की तरफ से यह गारंटी फिलीपींस के मनीला में स्थित फर्स्टरैंड बैंक से प्रस्तुत की गई थी, जबकि वहां इस बैंक का कोई ब्रांच ही नहीं है. ऐसे में इस जाली बैंक गारंटी को इस तरह से फर्जी दस्तावेजों से तैयार किया गया कि वह बिल्कुल असली लगे. इस फर्जीवाड़े में अशोल पाल की भूमिका अहम पाई गई.  

अशोक पाल की क्या थी भूमिका?

ईडी की जांच में आगे खुलासा हुआ कि ओडिशा में बिस्वाल ट्रेडलिंग के नाम की कंपनी एक गिरोह चला रही थी. इनका काम कंपनियों या बिजनेस ग्रुप के लिए फर्जी बैंक गारंटी जारी करना था. कंपनी पर 8 परसेंट कमीशन लेकर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने का आरोप है और तो और यह बैंकों और वित्तीय संस्थानों को गुमराह करने के लिए फर्जी ईमेल डोमेन का इस्तेमाल करती थी जैसे कि एसबीआई के असली डोमेन sbi.co.in के बजाय s-bi.co.in का इस्तेमाल किया गया. 

इधर, रिलायंस पावर के बोर्ड ने अशोक पाल सहित कुछ और अधिकारियों को सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन के BESS प्रोजेक्ट के लिए पेपर्स तैयार करने, उन्हें अप्रूव कराने और साइन वगैरह कराने की जिम्मेदारी दी थी. मौके का फायदा उठाते हुए इन अधिकारियों ने फर्जी बैंक गारंटी और इनवॉइसिंग के जरिए बोली लगाई. इनमें पैसों का लेनदेन कई अकाउंट्स के जरिए हुआ, जिनमें से अधिकतर बाद में अघोषित पाए गए.

रिलायंस पावर ने दी सफाई 

इस सबके बीच रिलायंस पावर ने कहा है कि यह उनकी कंपनी के खिलाफ की गई साजिश है. कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों ने भरोसे के साथ और सद्भावनापूर्वक काम किया है. कंपनी ने कहा कि जांच के जारी रहने तक पाल ने कार्यवाही में सहयोग करने के लिए इस्तीफा दिया है. एक औपचारिक त्यागपत्र जल्द ही जारी किया जाएगा.

कंपनी ने अनिल अंबानी को इस मामले में घसीटने वाली खबरों पर भी सफाई देते हुए कहा कि वह साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से रिलायंस पावर के बोर्ड में नहीं हैं और इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है. 

 

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