Reliance Industries AGM: देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम यानी एनुअल जनरल मीटिंग की तारीख सामने आ गई है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम गुरुवार 29 अगस्त 2024 को होगी और आरआईएल की ये 47वीं एजीएम होगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम का प्रसारण दोपहर 2 बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया जाएगा. 

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कहा-कहां देख सकेंगे RIL की AGM का सीधा प्रसारण

रिलायंस इंडस्ट्रीज इसका डायरेक्ट लिंक अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर शेयर करेगी और X पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के आधिकारिक हैंडल पर भी निवेशक- शेयरधारक इसका लाइव ब्रॉडकास्ट देख सकेंगे. इसके लिए एक्स पर @RIL_Updates पर नजर बनाए रख सकते हैं और इसके यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक चैनल पर भी नजर रखी जा सकती है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज की AGM से पहले डिविडेंड पर भी हुआ फैसला

रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम से पहले ही कंपनी ने निवेशकों को 10 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने पर भी मंजूरी की मुहर लगा दी है. आज स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में आरआईएल ने एजीएम की तारीख और डिविडेंड जैसी कई बातों की जानकारी दी है. आने वाली एजीएम में आरआईएल के शेयरधारकों को 10 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का तोहफा मिल जाएगा.

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मुकेश अंबानी ने फिर किया सैलरी को लेकर बड़ा फैसला

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक और एशिया के सबसे धनवान शख्स मुकेश अंबानी ने लगातार चौथे साल कंपनी से कोई सैलरी नहीं लेने का ऐलान किया है. यानी इस साल भी मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से कोई सैलरी नहीं लेने वाले हैं. दरअसल मुकेश अंबानी ने कोविड के संकटकाल के दौरान साल 2020 में अपनी सैलरी छोड़ने का निर्णय लिया था और इस कदम को वो लगातार चार सालों से निभा रहे हैं. 

रिलायंस इंडस्ट्रीज की लेटेस्ट सालाना रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दे दी गई है कि चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने कंपनी से इस साल भी कोई सैलरी नहीं लेने का फैसला जारी रखा है.

जून 2020 में मुकेश अंबानी ने छोड़ दिया था सैलरी लेना

जून 2020 में मुकेश अंबानी ने स्वेच्छा से अपने वर्ष 2020-21 के लिए सैलरी, अलाउंस, अनुलाभ, रिटायररल बेनेफिट के साथ-साथ किसी भी कमीशन सहित अपने पूरे पारिश्रमिक को छोड़ने का फैसला किया था. भारत में COVID-19 के प्रकोप के चलते देश को हुए सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक स्वास्थ्य को नुकसान को ध्यान में रखकर आरआईएल के सीएमडी ने ये फैसला लिया था. इससे पहले मुकेश अंबानी ने 2008-09 से अपना पारिश्रमिक 15 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया था यानी उन्होंने कंपनी से एक साल में 15 करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये सैलरी या दूसरे पारिश्रमिक लेने पर लिमिट लगा ली थी.

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