Reciprocal Tariffs Impact on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ नीति के तहत, भारत सहित कई देशों पर 2 अप्रैल 2025 से टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की गई है. इस नीति का भारत के कई सेक्टर्स पर गहरा असर पड़ने की संभावना है, जिसमें आईटी, फार्मास्युटिकल्स, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और स्टील शामिल हैं. इन सेक्टर्स के शेयरों में गिरावट की संभावना है, जिससे भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित हो सकता है.
कौन से सेक्टर्स होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित
फार्मास्युटिकल्स
भारत का फार्मास्युटिकल्स सेक्टर अमेरिकी बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है, लेकिन यह सेक्टर टैरिफ से कम प्रभावित हो सकता है, क्योंकि दवाएं आवश्यक वस्तुएं हैं. फिर भी, कुछ दवाओं पर टैरिफ का असर पड़ सकता है, जिससे एक्सपोर्ट में कमी आ सकती है.
ऑटोमोबाइल
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी टैरिफ का सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि भारत से अमेरिका को ऑटो पार्ट्स और वाहनों का एक्सपोर्ट होता है. इस सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में गिरावट की संभावना है.
ज्वेलरी और गहने
ज्वेलरी और गहनों का एक्सपोर्ट भी प्रभावित हो सकता है, क्योंकि अमेरिका में इन उत्पादों पर हाई टैरिफ लगाया जा सकता है. इस सेक्टर की कंपनियों के शेयरों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
केमिकल्स और मेटल प्रोडक्ट्स
केमिकल्स और मेटल प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर भी टैरिफ का असर पड़ेगा, जिससे इन सेक्टर्स की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ सकती है.
टेक्सटाइल्स
टेक्सटाइल्स सेक्टर पर भी टैरिफ का असर होगा, हालांकि यह कम हो सकता है क्योंकि भारत भी अमेरिकी टेक्सटाइल्स पर उतना ज्यादा टैरिफ नहीं लगाता है.
शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है असर
भारतीय शेयर बाजार पर रेसिप्रोकल टैरिफ के कारण गिरावट की संभावना है, खासकर उन कंपनियों के शेयरों में जो अमेरिकी बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखती हैं. भारत की अर्थव्यवस्था पर भी रेसिप्रोकल टैरिफ का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. एक अनुमान के अनुसार, भारत को लगभग 7 बिलियन डॉलर का वार्षिक नुकसान हो सकता है. यह नुकसान न केवल एक्सपोर्ट में कमी के कारण होगा, बल्कि इससे भारत की आर्थिक वृद्धि दर भी प्रभावित हो सकती है.
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