GDP Growth Forecast: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार, 5 दिसंबर को रेपो रेट की कटौती को लेकर घोषणा कर दी है. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 5.25 प्रतिशत करने का फैसला किया है. साथ ही उन्होंने अनुमान जताया कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर 2026 के लिए जीडीपी ग्रोथ 7.3 प्रतिशत रहेगी. जीडीपी ग्रोथ को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 फीसदी और चौथे तिमाही में 6.2 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत का अनुमान जताया गया है.
आरबीआई गवर्नर ने दी जानकारी
आरबीआई गवर्नर ने जानकारी दी कि देश की घरेलू आर्थिक गतिविधियां अच्छी रफ्तार से चल रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में मांग मजबूत बनी हुई है, जबकि शहरों की डिमांड में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है. रेपो रेट के मामले में मॉनिटरी पॉलिस कमिटी ने एकमत होकर ब्याज दरों में कटौती का फैसला लिया है. इसके तहत 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई है. संजय मल्होत्रा ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि रेट कट का फैसला लेने से पहले MPC ने बदलते मैक्रो इकोनॉमिक हालात और भविष्य की संभावनाओं का विस्तार से अध्ययन किया और इसी आधार पर सभी सदस्यों ने रेट कट का फैसला लिया है.
जीएसटी रिफॉर्म और मजबूत खपत का किया जिक्र
आरबीआई गवर्नर के अनुसार, मजबूत खपत और जीएसटी में किए गए सुधार के कारण देश की दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ में तेजी आई. उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2025 में रिटेल महंगाई घटकर 0.25 प्रतिशत पर आ गई है, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है.
1 अक्टूबर की पिछली मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था. रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला कमिटि ने लिया था.
इस साल रेपो रेट में कितनी कमी हुई?
आरबीआई ने इस साल फरवरी से जून के बीच रेपो रेट में कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी. यानी ब्याज दरें 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.5 प्रतिशत पर लाई गई थी. इसके बाद अगस्त और अक्टूबर की पॉलिसी बैठकों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया और रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला किया गया था.
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