Repo Rate Cut Expectation: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के द्वारा दिसंबर महीने में होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग में रेपो रेट में कटौती होने की संभावना है. गुरुवार को अर्थशास्त्रियों ने जानकारी दी कि, अक्टूबर महीने में महंगाई दर में कमी आई है. खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में रिकॉर्ड 0.25 फीसदी के निचले स्तर पर पहुंची है, जो सितंबर महीने में 1.44 प्रतिशत थी.

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बतौर जानकार, ये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) सीरीज में दर्ज की गई सबसे कम महंगाई दर है. कुल मिलाकर महंगाई इसलिए कम हुई है क्योंकि, एक तरफ खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी आई है और वहीं दूसरी तरफ बाकी जरूरी सामानों की कीमतें भी धीमी रफ्तार से बढ़ रही हैं.

क्रिसिल ने क्या दी जानकारी?

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क्रिसिल की ओर से दी जानकारी के अनुसार, उम्मीद से अधिक खाद्य महंगाई दर में आई कमी, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों कम होने और जीएसटी रिफॉर्म के कारण खुदरा महंगाई दर इस वित्त वर्ष में औसत 2.5 प्रतिशत रह सकती है. जो कि पिछले साल के आंकड़े 4.6 प्रतिशत से काफी कम है. साथ ही जीएसटी रिफॉर्म का फायदा आम लोगों तक पहुंच रहा है. हालांकि, अक्टूबर महीने में जीएसटी का प्रभाव पूरी से तरह से ट्रांसफर नहीं हो पाया था. जिसका प्रभाव नवंबर महीने में देखने को मिलेगा. 

साथ ही क्रिसिल ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि, नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 0.9 प्रतिशत है, जीसटी बदलावों से इनमें और गिरावट आने की संभावना है. साथ ही वित्त वर्ष 2026 में मुख्य महंगाई दर 2 फीसदी से कम रह सकती है. 

अक्टूबर में रेपो रेट में नहीं किया गया था बदलाव

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अक्टूबर में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया था. रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत रखने का निर्णय लिया गया था. इससे पहले अगस्त महीने में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था. अमेरिका के द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ का असर समिति के निर्णय में देखने को मिला था.  

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