नई दिल्लीः डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ाने के लिए आरबीआई ने आज एक अहम फैसला लिया है जिससे आपका कार्ड पेमेंट पर लगने वाला अतिरिक्त चार्ज से आपको राहत मिल सकती है. आपने ये भी बात महसूस की होगी कि कैश में पेमेंट करने कब बजाए कार्ड से पेमेंट करने पर आपको कुछ एक्स्ट्रा पैसा देना पड़ता है, ये एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) के चलते ही होता था पर अब इसको लेकर जो फैसला आया है उससे आपको कार्ड के जरिए पेमेंट पर लगने वाले एक्स्ट्रा चार्ज से छुटकारा मिल जाएगा.


डेबिट कार्ड पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट को लेकर आरबीआई ने ड्राफ्ट सर्कुलर जारी कर लोगों से राय मांगी है. 31 मार्च 2017 तक आरबीआई ने डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर एमडीआर की दरें तय कर रखी हैं. 1 अप्रैल 2017 से क्या चार्ज लगेगा इस पर फैसले के लिए लोगों की राय मांगी गई है. 31 मार्च तक डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर 1000 तक के लेनदेन पर .25 फीसदी एमडीआर लग रहा है. 1000 से 2000 तक के ट्रांजैक्शन पर 0.50 फीसदी एमडीआर लग रहा है और 2000 से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर ये दर 1 फीसदी की है. ड्राफ्ट सर्कुलर में अब लेनदेन की राशि के आधार पर नहीं बल्कि दुकानदार की श्रेणी के आधार पर एमडीआर देय होगा. इसके लिए दुकानदारों को चार श्रेणियों में बांटा गया है जिनके लिए अलग अलग अमडीआर की दरें तय की गई हैं.

अगर ये दरें लागू होती हैं तो छोटे भुगतान डेबिट कार्ड से करने पर ज्यादा एमडीआर का भुगतान करना पड़ेगा लेकिन बड़े भुगतान करने वालों को थोड़ा फायदा होगा. सरकारों को भुगतान करने के लिए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर 1000 तक के भुगतान पर 5 रुपए का फ्लैट एमडीआर देय होगा, 1001 से 2000 तक 10 रुपए एमडीआर देय होगा और 2000 से ज्यादा के भुगतान पर .50 फीसदी या अधिकतम 250 रुपए एमडीआर देय होगा.

आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने ग्राहकों पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) का बोझ ना डालने का जो प्रस्ताव दिया है इसके बाद कार्ड पेमेंट पर जो एमडीआर चार्ज लगेगा वो आपको वापस मिल सकता है. सरकार का मानना है कि इससे बड़ी मात्रा में कैश की बजाए कार्ड पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा.


आरबीआई द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक




  • आरबीआई ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट और सर्विस चार्ज के लिए जो सर्कुलर ड्राफ्ट किया है उससे नए रेट चलन में आ पाएंगे. एमडीआर के नए रेट 31 मार्च के बाद स्थान लेंगे. नई दरें कैटेगरी के आधार पर तय होंगी जो अलग अलग अमाउंट के आधार पर होंगी.

  • इसकी वजह से शुरुआत में 1000 रुपये तक का डिजिटल ट्रांजेक्शन थोड़ा महंगा हो जाएगा पर आगे चलकर ये सस्ता हो जाएगा. पर एमडीआर में ये छूट सिर्फ सरकारी पेमेंट में डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर है.

  • पेट्रोल डीजल के लिए कार्ड पेमेंट पर लगने वाले चार्ज पर भी शेयरधारकों के साथ चर्चा करके आगे फैसला लिया जाएगा. हो सकता है कि इसमें भी कटौती कर दी जाए पर फिलहाल अभी फैसला नहीं लिया गया है.

  • रिजर्व बैंक एक जनवरी 2017 के बाद से डेबिड कार्डों के जरिए भुगतान मद में एमडीआर शुल्कों का भुगतान बैंकों को करेगा. इसके लिए बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे एमडीआर के पेमेंट के दावों को ऑडिटर के सर्टिफिकेशन के साथ उसे भेज दें.


कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह भी कहा गया है कि दुकानों में ‘सर्विस टैक्स का पेमेंट ग्राहक को नहीं करना है’ का बोर्ड लगाना होगा. सरकार ने नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है. आज ही खबर आई है कि अभी भी देश में 56 फीसदी मर्चेंट ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार नहीं कर रहे हैं.


कैसे बनेगा कैशलेस इंडियाः 56% व्यापारी अभी भी नहीं ले रहे डिजिटल तरीके से पेमेंट


सरकार के निर्देशों के पालन के लिए आरबीआई नागरिकों द्वारा एक जनवरी से डेबिट कार्ड के जरिए किए गए भुगतानों के लिए बैंकों को एमडीआर शुल्कों का भुगतान शुरू करेगा. सरकार ने दिसंबर 2016 में फैसला किया था कि विभिन्न तरह के भुगतान के लिए डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर एमडीआर शुल्क वह वहन करेगी.