Small Saving Schemes: आरबीआई ने तीसरी बार लगातार मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है. तीन महीनों में  रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जिसके बाद कर्ज महंगा हो रहा है. बैंकों ने डिपॉजिट्स रेट्स भी बढ़ाये हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिस बचत योजनाओं में सबसे ज्यादा आम भारतीय निवेश करते हैं उस पर ब्याज दरों को बढ़ाया नहीं जा रहा है. एनएससी(NSC), पीपीएफ(PPF) और सुकन्या समृद्धि योजनाओं( Sukanya Samridhi Yojna) जैसी बचत योजना के ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है. लेकिन शुक्रवार 5 अगस्त 2022 को आरबीआई के एक बार फिर से 0.50 फीसदी रेपो रेट बढ़ाने के फैसले के बाद सितंबर के आखिर में इन बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावना बढ़ गई है. 

  


बचत योजनाओं पर बढ़ सकती है ब्याज दरें
आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के फैसले के बाद कई बैंकों ने डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान किया है. 30 जून, 2022 को वित्त मंत्रालय ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरे तिमाही के लिए 30 सितंबर, 2022 को वित्त मंत्रालय जब इन बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा करेगा तो इन सेविंग स्कीमों पर मिलने वाले ब्याज दरों में इजाफा किया जा सकता है. 


बचत योजनाओं पर ब्याज दर
फिलहाल पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज दर 7.1 फीसदी सलाना ब्याज मिलता है, एनएससी यानि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसदी , सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samridhi Yojana) पर 7.6 फीसदी, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम ( Senior Citizen Saving Scvheme) पर 7.4 फीसदी, किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra) पर 6.9 फीसदी, एक वर्षीय सावधि जमा योजना पर 5.5 फीसदी और एक से पांच साल की सावधि जमा पर 5.5-6.7 प्रतिशत की ब्याज दर दिया जा रहा है. जबकि पांच साल की जमा योजना पर 5.8 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है.  


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