मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक से पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकिंग प्रणाली 80 हजार करोड़ रुपये खुले बाजार परिचालन के जरिए देने का एलान किया. आरबीआई के मुताबिक, उसके इस पहल से बैंकिंग सिस्टम में नकदी की समुचित स्थिति बेहतर हो पाएगी. उसने ओएमओ का एलान करते हुए कहा कि समुचित स्थितियों का आकलन करने के लिए बढ़ती नकदी और मार्केट की बदलती स्थितियों पर रिजर्व बैंक नकदी पर नजर रखेगा.  

आरबीआई के इस कदम को बैंकों के लिए नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का लाभ सुनिश्चित करने के तौर पर देखा जा रहा है. आर्थिक जानकारों का ये मानना है कि रिजर्व बैंक का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को समुचित अधिशेश नकदी कायम रखने को लेकर है, और ओएमओ की खरीदारी इस योजना का संकेत है. 

आरबीआई का नकदी पर जोर

बिजसने स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, IDFC फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता का कहना है कि पहले की स्थितियों से ये जाहिर होता है कि नकदी एक लाख करोड़ से दो लाख करोड़ रहने पर ही परिवर्तन होता है, इस भरोसे के बावजूद आरबीआई अपने लाभांश के चलते इन गतिविधियों को सुस्त कर सकता है.उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई के कदमों से ऐसा जाहिर होता है कि वे बदलाव के लिए समुचित नकदी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. 

इधर, आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने वित्तीय स्थिरता और दक्षता के बीच संतुलन कायम करने के लिए विनियामक ढांचे को लचीला बनाने के साथ-साथ उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने की केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया.

आरबीआई गवर्नर बोले- अगला दशक महत्वपूर्ण

आरबीआई की 90वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में मंगलवार को उन्होंने कहा, ‘‘इसे एक उपलब्धि समझते हुए हम मानते हैं कि आरबीआई की भूमिका प्रारंभिक लक्ष्यों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण रूप से विस्तारित हुई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हम परंपरा व परिवर्तन के संगम पर खड़े हैं...जहां मूल्य स्थिरता, वित्तीय स्थिरता तथा आर्थिक वृद्धि की अनिवार्यताएं तेजी से बढ़ती प्रौद्योगिकी, वैश्विक अनिश्चितताओं, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और बढ़ती सार्वजनिक अपेक्षाओं के साथ जुड़ती हैं.’’ 

गवर्नर ने कहा कि अगला दशक भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्तीय ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण साबित होगा। आरबीआई वित्तीय समावेश को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘‘हम ग्राहक सेवाओं में निरंतर सुधार तथा उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे. हमारा प्रयास वित्तीय स्थिरता व दक्षता के हितों को संतुलित कर हमारे नियामक ढांचे को लचीला बनाना होगा. हम प्रौद्योगिकी व नवाचार का समर्थन करना जारी रखेंगे। हम सतर्क, लचीले और दूरदर्शी बने रहेंगे.’’

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