8th pay commission: आठवें वेतन आयोग के 2028 के शुरुआत में लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके चलते केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 30-34 परसेंट का इजाफा होने की संभावना है. भारतीय रेलवे अभी से इसकी तैयारी में लग गई है ताकि तब तक खुद को फाइनेंशियली इतना मजबूत बनाया जा सके, जिससे अपने ऊपर वित्तीय बोझ का दबाव ज्यादा महसूस न हो.

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चूंकि आठवें वेतन आयोग के चलते कर्मचारियों पर खर्च बढ़ेगा इसलिए रेलवे अभी से मेंटेनेंस, खरीद और एनर्जी सेक्टर में खर्च में कटौती करने के उपाय अपना रहा है ताकि अपनी वित्तीय सेहत मजबूत हो. 

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग? 

सरकार की तरफ से वैसे तो यह अभी भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा या नहीं. आठवें वेतन आयोग के लिए गठित कमेटी को वेतन आयोग पर अपनी रिपोर्ट सौंपने में अधिसूचना की तारीख (3 नवंबर 2025) से 18 महीने तक का समय लग सकता है. इसके बाद ही फैसला लिया जाएगा कि इसे कब तक लागू किया जाना है.  इस बीच, रेलवे को अपनी बैलेंस शीट में सुधार करनी होगी ताकि कर्मचारियों के वेतन पर आने वाले अतिरिक्त खर्च को झेला जा सके और ज्यादा दबाव भी न पड़े.

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सरकार पहले ही 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को 3 नवंबर 2025 को ही नोटिफाई किए जाने की जानकारी दे चुकी है. देशभर में 50.14 लाख केंद्रीय कर्मचारी और करीब 69 लाख पेंशनभोगी हैं, जिन्हें इस आयोग की सिफारिशों के बाद सैलरी हाइक का सीधा लाभ मिलेगा. 

7वें वेतन आयोग के अनुभवों से ली जा रही सीख

भारतीय रेलवे 7वें वेतन आयोग के अपने पिछले अनुभवों से सीख ले रही है. 2016 में लागू हुए इस वेतन आयोग के तहत रेलवे कर्मचारियों को 14 से 26 परसेंट का सैलरी हाइक मिला था. पेंशन और सैलरी हाइक पर हुआ खर्च लगभग 22,000 करोड़ रुपये का बैठा. 31 दिसंबर 2025 को 7वां वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है. इसी के साथ अगले वेतन आयोग में सैलरी और पेंशन हाइक पर खर्च 30,000 करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है.

इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में रेलवे के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया, हमने एक्स्ट्रा फंड की जरूरत को देखते हुए एक प्लान बनाया है. इसके तहत, जिससे सेविंग्स को बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

 

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