नई दिल्लीः ट्रेनों के वातानुकूलित डिब्बों में यात्रा करने वाले जल्द ही अच्छी गुणवत्ता वाले मुलायम और साफ कंबलों का इस्तेमाल कर सकेंगे. रेलवे बोर्ड द्वारा जारी संशोधित ब्योरे में यह बात कही गई है. इस महीने की शुरूआत में जारी निर्देशों में कहा गया है कि एसी डिब्बों में यात्रियों को दिया जाने वाला कंबल साफ होना चाहिये और ग्रीस, साबुन और अन्य मिश्रण से मुक्त रहना चाहिये जो कंबल को कड़ा या वजनी बना सकता है.

2.2 किलोग्राम की जगह 450 ग्राम वाले कंबल अभी ऊनी कंबल प्रदान किये जाते हैं. उसके विपरीत संशोधित विवरण में कहा गया है कि कंबल की फाइबर सामग्री में 60 फीसदी ऊन, 15 फीसदी नाइलॉन होना चाहिये और उसका वजन 450 ग्राम होना चाहिये. रेलवे बोर्ड ने कहा है कि उच्च गुणवत्ता वाले मुलायम कंबल में चारों तरफ साटिन पाइपिंग होनी चाहिये. फिलहाल छोटे आकार के कंबल का वजन 2.2 किलोग्राम होता है और इसका इस्तेमाल चार साल के लिये होता है.

महीने में 2 बार धुलेंगे कंबल बोर्ड ने कहा है, ‘संशोधित ब्योरे वाले इन कंबलों की एक महीने में दो बार धुलाई होनी चाहिये, जो उपलब्ध क्षमता पर निर्भर करेगा. अगर क्षमता संबंधी मजबूरी होगी तो कम से महीने में एक बार इसकी अवश्य धुलाई होनी चाहिये.’ बोर्ड ने कहा कि धुलाई की आवृत्ति बढ़ जाने पर संशोधित विवरण वाले इन कंबलों की आयु घटकर शुरूआत में दो साल हो जाएगी. इसकी एक साल बाद समीक्षा की जा सकती है. फिलहाल कंबलों की दो महीने में एक बार ड्राई क्लीनिंग होती है.

सीएजी ने की थी रेलवे की खिंचाई नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने पिछले साल यात्रियों को गंदा चादर, तकिया और कंबल देने को लेकर रेलवे की खिंचाई की थी.