नई दिल्लीः देश में कोरोना वायरस से बने हालात के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से ट्रेनों का संचालन कम हो रहा है. भारतीय रेलवे ने फिलहाल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा करीब 200 मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाया हुआ है जिनके लिए आपको टिकट काउंटर से नहीं बल्कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट या एप से बुक कराने होते हैं. टिकट बुक कराते समय लोगों को उतनी दिक्कत नहीं होती है लेकिन टिकट रद्द कराते समय नियमों की जानकारी के अभाव में उनका काफी पैसा कैंसिलेशन चार्ज के रूप में चला जाता है.


ऐसे में आपको अगर ये पता हो कि टिकट रद्द कराते समय रेलवे के कैंसिलेशन चार्ज क्या हैं और कितना पहले टिकट रद्द कराना सही रहेगा तो आप अपना पैसा भी बचा सकते हैं और बेकार की परेशानी से भी बच सकते हैं. तो यहां हम आपको ई-टिकट के कैंसिलेशन चार्ज और रिफंड मनी के बारे में जानकारी देंगे.


जानिए ट्रेन के ई-टिकट के रिफंड मनी के बारे में


स्लीपर क्लासः अगर आप ट्रेन चलने के 48 घंटे पहले अपना स्लीपर क्लास का कंफर्म टिकट कैंसिल कराते हैं तो इस पर आपके 120 रुपये प्रति पैसेंजर के हिसाब से कैंसिलेशन चार्ज कट जाएगा. यानी कि अगर आपकी सोमवार को 4 बजे ट्रेन है तो शनिवार 4 बजे से पहले टिकट कैंसिल कराने पर आपको 120 रुपये कैंसिलेशन चार्ज के रूप में देना होगा.


थर्ड एसीः थर्ड एसी या एसी 3 टियर का कंफर्म टिकट अगर आप 48 घंटे पहले कैंसिल कराते हैं तो आपको 180 रुपये प्रति टिकट यानी प्रति पैसेंजर के ऊपर देना होगा.


सेकेंड एसीः इसी समान अवधि की सेकेंड एसी की टिकट अगर आप 48 घंटे पहले कैंसिल कराएंगे तो आपको 200 रुपये प्रति पैसेंजर के हिसाब से कैंसिलेशन चार्ज देना होगा.


फर्स्ट एसीः फर्स्ट एसी का कंफर्म टिकट अगर आप 48 घंटे पहले कैंसिल कराते हैं तो आपको 240 रुपये का कैंसिलेशन चार्ज देना होगा.


12 घंटे से लेकर चार्ट बनने तक के टिकट कैंसिल कैंसिलेशन चार्ज


ट्रेन के चलने से 12 घंटे पहले अगर आप टिकट कैंसिल कराते हैं तो आपको किराए का 25 फीसदी बतौर कैंसिलेशन चार्ज देना होगा.


वहीं अगर आप ट्रेन चलने के 12 घंटे से लेकर चार्ट बनने के बीच की अवधि में अगर टिकट कैंसिल कराते हैं तो आपको किराए का 50 फीसदी अमाउंट कैंसिलेशन चार्ज के तौर पर देना पड़ेगा.


इस तरह अगर आप इन नियमों को ध्यान में रखेंगे तो आपको रेलवे को कैंसिलेशन चार्ज के रूप में ज्यादा पैसा नहीं देना पड़ेगा.


आरबीआई के लोन री-स्ट्रक्चरिंग का आम लोन कस्टमर पर क्या होगा असर? यहां समझिए


विदेशी मुद्रा भंडार 11.9 अरब डॉलर बढ़ा, 534.5 अरब डॉलर के सबसे ऊंचे स्तर पर आया