Dividend: देश की इकोनॉमी मजबूती से आगे बढ़ रही है. हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 8.2 फीसदी रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है. पिछले वित्त वर्ष में सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय बढ़ाने के चलते सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भी लाभ में रही हैं. इसके चलते उन्होंने लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड बांटा है. सरकारी कंपनियों की ऑर्डर बुक भी मजबूत है. देश में लिस्टेड सरकारी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1.07 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड बांटा था.

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सरकारी कंपनियों का नेट प्रॉफिट 5.3 लाख करोड़ रुपये रहा 

सीएनबीसी टीवी 18 की रिपोर्ट के अनुसार, सभी सरकारी कंपनियों का कुल नेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 24 में 44.3 फीसदी बढ़कर 5.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान डिविडेंड के आंकड़े में 36.1 फीसदी का उछाल आया है. इस अवधि में डिविडेंड पेआउट रेश्यो 27.6 फीसदी रहा है. डिविडेंड पेआउट रेश्यो में नेट प्रॉफिट के उस हिस्से को मापा जाता है, जो किसी कंपनी ने अपने शेयरधारकों को डिविडेंड के तौर पर बांटा है. 

बेहतर डिविडेंड देने के लिए जानी जाती हैं सरकारी कंपनियां 

सरकारी कंपनियों को हमेशा से अपने शेयरधारकों को बेहतर डिविडेंड देने के लिए जाना जाता है. सरकार के पास इन कंपनियों में लगभग 61 फीसदी हिस्सेदारी है. इसलिए सरकार को भी ज्यादा डिविडेंड के चलते बहुत फायदा होता है. पिछले ही महीने रिजर्व बैंक ने सरकार को रिकॉर्ड 2.1 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड के तौर पर देने का ऐलान किया है. सरकारी कंपनियों और केंद्रीय बैंक से मिलने वाला रिकॉर्ड डिविडेंड सरकार को अपने खजाने पर ज्यादा बोझ डाले बिना पूंजीगत व्यय बढ़ाने की ताकत देगा.

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ये 5 कंपनियां लाभांश देने में रहीं अव्वल 

सरकारी कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil) ने सबसे अधिक डिविडेंड की घोषणा की है. इसके बाद कोल इंडिया (Coal India), ओएनजीसी (ONGC), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन (Power Grid Corporation) का स्थान रहा. इंडियन ऑयल ने 16,526 करोड़ रुपये, कोल इंडिया ने 15,715 करोड़ रुपये और ओएनजीसी ने 15,411 करोड़ रुपये डिविडेंड के तौर पर बांटे हैं. एसबीआई ने 12,228 करोड़ रुपये और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ने वित्त वर्ष 2024 में 10,463 करोड़ रुपये डिविडेंड के तौर पर दिए हैं. कुल डिविडेंड पेमेंट में इन 5 कंपनियों का हिस्सा 48 फीसदी है.

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