Wheat Prices Increase 2022 : केंद्र सरकार ने देशभर में गेहूं की बढ़ती कीमतों को लेकर अपना बयान जारी कर दिया हैं. सरकार ने संकेत दे दिए हैं कि जमाखोरी पर लगाम कसना जरूरी हैं, अब उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. सरकार व्यापारियों द्वारा गेहूं के स्टॉक का खुलासा करने और स्टॉक सीमा लगाने पर विचार कर रही है. केंद्र सरकार का कहना हैं कि देश में गेहूं का पर्याप्त भंडार है और सट्टेबाजी के चलते गेहूं की कीमतों में उछाल आया है.

 

खाद्य सचिव ने क्या कहा

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Roller Floor Millers Federation of India) की 82वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए खाद्य सचिव (Food Secretary) सुधांशु पांडेय का कहना हैं कि देश में गेहूं की कोई समस्या नहीं है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों में 2.4 करोड़ टन गेहूं उपलब्ध है.

 

10.5 करोड़ टन होगा गेहूं उत्पादन 

पांडेय का कहना हैं कि फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में सरकार का गेहूं उत्पादन अनुमान लगभग 10.5 करोड़ टन है. व्यापारियों ने कहा कि उत्पादन करीब 9.5 करोड़ टन रहेगा. व्यापार के अनुमानों को भी मान लें, तो घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन पर्याप्त है. चालू वित्त वर्ष में अब तक 45 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. उसमें से 21 लाख टन गेहूं 13 मई को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से पहले भेज दिया था. भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 72 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था.

 

सट्टा कारोबार ने खेल बिगाड़ा

Food Secretary का कहना हैं कि सट्टा कारोबार की वजह से कीमतों पर असर पड़ा है. कीमतों में वृद्धि की संभावनाओं की वजह से सटोरियों ने जमाखोरी की है. अब गेहूं बाजार में आ रहा है. उन्होंने कहा कि जमाखोरी और कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए स्टॉक सीमा लागू करने से पहले व्यापारियों द्वारा गेहूं के स्टॉक का खुलासा करना पहला चरण हो सकता है. पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में गर्मी के कारण गेहूं उत्पादन कम हुआ है.

 

जल्द होगा फैसला 

सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के बारे में जल्द निर्णय लेगी. PMGKAY योजना सितंबर में खत्म हो रही है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय का कहना हैं कि यह निर्णय सरकार को करना है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द इस बारे में फैसला करेगी. 

 

80 करोड़ को मिलेगा फायदा 

सरकार ने कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में लॉकडाउन के दौरान हर व्यक्ति तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए पीएमजीकेएवाई शुरू की थी. सरकार ने मार्च में पीएमजीकेएवाई सितंबर, 2022 तक बढ़ा दिया था. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) में शामिल लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जा रहा है. 

 

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