नई दिल्लीः पीपीएफ एक्ट को खत्म किए जाने को लेकर सरकार ने सफाई दी है. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने साफ किया है कि नई या पुरानी पीपीएफ डिपॉजिट को अटैच किए जाने से सुरक्षा मिलती रहेगी. अटैच किए जाने से सुरक्षा मिलने का अर्थ ये है कि पीपीएफ जमा को कुर्क नहीं किया जा सकता, जैसा कि पहले कहा जा रहा था कि

सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मौजूदा और नए पीपीएफ डिपॉजिट्स को भी ये सुरक्षा मिलती रहेगी. लिहाजा कहा जा सकता है कि पीपीएफ धारकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. नए एक्ट में प्रस्तावित सरकारी जमा प्रोत्साहन कानून के तहत पीपीएफ कानून को शामिल किए जाने के बाद भी इसे सभी सुरक्षा पहले की तरह मिलती रहेगी.

 

वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्तीय वर्ष 2018-19 में पेश किए गए बजट प्रस्ताव में प्रोविडेंट फंड अधिनियम को खत्म करने जा रहे हैं. फाइनेंस बिल 2018 के तहत पब्लिक प्रॉविडेंट फंड एक्ट 1968 को खत्म करने का प्रावधान किया गया है. पीपीएफ एक्ट को खत्म किए जाने के तहत पीपीएफ एकाउंट में जमा रकम उसके धारक के ऊपर चढ़े किसी कर्ज या उसकी दूसरी देनदारियों को उतारने के लिए कोर्ट ऑर्डर पर जब्त किए जाने की खबर थी जबकि पहले पीपीएफ को कोर्ट अटैचमेंट ऑर्डर से बाहर रखा गया है.

सरकार का वित्त विधेयक 2018 में पीपीएफ अधिनियम 1968 को खत्म किए जाने का प्रस्ताव है और इन अधिनियमों से जुड़ी बचत योजनाओं को गवर्नमेंट सेविंग्स बैंक एक्ट-1873 में शामिल करने का प्रस्ताव है. इसके लिए इस एक्ट में नए प्रावधानों को शामिल किया जाएगा.