Demonetisation: नोटबंदी के बाद सरकारी आंकड़ों में नोटों का सर्कुलेशन बढ़ा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक 4 नवंबर, 2016 यानि नोटबंदी के ठीक चार दिन पहले चलन में नोटों (Currency note) का सर्कुलेशन 17.74 लाख करोड़ रुपये था. ये आकड़ा करीब 5 साल बाद 29 अक्टूबर, 2021 तक बढ़कर 29.17 लाख करोड़ रुपये हो गया है.


पिछले एक साल में तुलना करें तो 30 अक्टूबर 2020 को सर्कुलेशन में रहने वाले नोटों का मूल्य 26.88 लाख करोड़ रुपये था. यानी कोरोना काल में पिछले एक साल में नोटों का सर्कुलेशन करीब 8.5 फीसदी बढ़ गया. 


कैश सर्कुलशन बढ़ा


31 मार्च 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में सर्कुलेशन में रहने वाले कुल बैंक नोट के वैल्यू का 85.7 फीसदी हिस्सा सिर्फ  500 रुपये और 2,000 रुपये के बैंक नोट का है.


इस दौरान सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों के परिणाम भी दिखाई दिए हैं. यही वजह है कि डिजिटल लेन देन (Digital Transaction) भी बड़े पैमाने पर बढ़ा है.


डिजिटल लेन-देन का हाल


देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन में भी बढ़त हुई है. क्रेडिट-डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस ((UPI) सभी तरीकों से डिजिटल पेमेंट बढ़ा है. UPI की शुरुआत भी साल 2016 में हुई थी. अक्टूबर 2021 में इससे करीब 7.71  लाख करोड़ रुपये मूल्य का लेन-देन हुआ. इस महीने संख्या में देखें तो कुल 421 करोड़ लेन देन हुए हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी के ऐलान को पांच साल हो चुके हैं. 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था, जिसके बाद उसी दिन आधी रात से 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे. इसके कुछ दिनों बाद 500, 2000 रुपये के नए नोट सरकार ने जारी किया. बाद में 200 रुपये का नोट भी शुरू किया गया. 


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