Ponzi Scheme: तेलंगाना में एक पोंजी स्कीम में हजारों भारतीयों ने लगभग 870 करोड़ रुपये गंवा दिए हैं. शॉर्ट टर्म इंवेस्टमेंट पर 22 परसेंट रिटर्न का वादा कर एक कंपनी ने इनके साथ धोखाधड़ी की. तेलंगाना पुलिस और कई पीड़ितों के बयानों के हवाले से रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी. 

पुलिस ने दो लोगों को किया अरेस्ट

शनिवार को फाल्कन इनवॉइस डिस्काउंटिंग के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने दो आरोपितों की गिरफ्तारी की है. अब इसके फाउंडर और मुख्य आरोपी अमरदीप कुमार की तलाश जारी है. तेलंगाना पुलिस के अनुसार, कंपनी ने साल 2021 से कथित तौर पर लगभग 7,000 निवेशकों से 1,700 करोड़ रुपये जुटाए. हालांकि, इनमें से केवल आधे को ही पैसे वापस किए गए. दिल्ली के ज्वेलर अंकित बिहानी ने कहा कि पिछले हफ्ते 50 अन्य निवेशकों से उनकी मुलाकात हुई और सभी ने मिलकर इस धोखाधड़ी में गंवाए गए 50 करोड़ की वापसी के लिए कानून से मदद लेने के उपायों पर चर्चा की. 

सोशल मीडिया पर लगा स्कीम का पता

बिहानी ने रॉयटर्स को बताया, ''अधिकतर निवेशकों को सोशल मीडिया के जरिए ही इस प्लेटफॉर्म का पता चला था और फिर सबने उसमें अपना इंवेस्टमेंट किया.'' पुलिस के मुताबिक, फॉल्कन ने नए निवेशकों से जुटाए पैसों से पुराने निवेशकों को भुगतान किया. बाकी बचे हुए पैसे को अलग-अलग शेल कंपनियों में डायवर्ट कर दिया. कुछ निवेशकों ने अपनी जिंदगी की जमा पूंजी इस स्कीम में लगा दिए और अब पैसे वापस मिलेंगे भी या नहीं इस बात को सोच-सोचकर परेशान हो रहे हैं. 

टोरेस ज्वेलरी स्कैम केस

इस साल की शुरुआत में ज्वेलरी कंपनी टोरेस के फर्जीवाड़े का एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें कस्टमर्स से अधिक रिटर्न का वादा किया गया था. साल की शुरुआत में मुंबई में टोरेस स्टोर के अचानक बंद हो जाने पर इसके बाहर बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई थी. इसके झांसे में आकर कई निवेशकों के करोड़ों रुपये फंस गए. पुलिस ने अब तक 35 करोड़ रुपये के कीमती सामान और फर्नीचर जब्त किए हैं. 

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