देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई पीएलआई स्कीम से टाटा और सैमसंग समेत कई कंपनियों को फायदा होने वाला है. स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए रखी गई शर्त को पूरा करने के चलते कई कंपनियों को सरकार से हजारों करोड़ों रुपये का प्रोत्साहन मिलने वाला है.


इन कंपनियों को होने वाला है फायदा


पीएलआई स्कीम के तहत जिन कंपनियों को प्रोत्साहन की रकम मिलने वाली है, उनमें फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन, पेगाट्रॉन, सैमसंग, डिक्सॉन टेक्नोलॉजीज आदि का नाम शामिल है. फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन एप्पल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर मैन्युफैक्चरिंग करती हैं. विस्ट्रॉन को कुछ समय पहले टाटा समूह ने खरीद लिया था. वहीं डिक्सॉन टेक्नोलॉजीज स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर करने वाली घरेलू कंपनी है.


4,400 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम


इन कंपनियों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन के रूप में 4,400 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिलने वाली है. पीएलआई यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम का लक्ष्य देश में विनिर्माण को बढ़ावा देना है. सरकार ने स्मार्टफोन समेत कई सेक्टरों के लिए पीएलआई स्कीम की शुरुआत की है. इस स्कीम के तहत कंपनियों को तय अवधि में मिनिमम मैन्युफैक्चरिंग जैसी शर्तों को पूरा करना होता है, तभी सरकार से प्रोत्साहन मिलता है.


इस कारण मिलेगा प्रोत्साहन


फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन, पेगाट्रॉन, सैमसंग और डिक्सॉन ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उन लक्ष्यों को हासिल करने में कामयाबी हासिल की, जो सरकार ने पीएलआई स्कीम के तहत प्रोत्साहन पाने के लिए सेट किए थे. स्मार्टफोन पीएलआई स्कीम के तहत एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां चुनी गई थीं. इस बार 10 से ज्यादा कंपनियों को शर्तें पूरी नहीं करने के चलते प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है.


इन कंपनियों को नहीं मिलेगा लाभ


केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के तहत स्मार्टफोन पीएलआई स्कीम के लिए 6,504 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. हालांकि आशंका जताई जा रही है कि शायद इस रकम का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाए. कई कंपनियां पीएलआई स्कीम के लक्ष्यों से पीछे हैं. ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन कंपनियों में श्याओमी की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर राइजिंग स्टार (भारत एफआईएच), लावा, ऑप्टिएमस इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं.


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