हर शख्स का सपना होता है कि उसके पास अपनी प्रॉपर्टी हो. फ्लैट्स के इस दौर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो कि अपनी जमीन खरीद कर घर बनाना चाहते हैं. ताकि अपने पसंद के हिसाब से अपना घर बनवा सकें. अगर आप भी जमीन खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो ध्यान रखें कि इसके लिए आपको बहुत सावधानी बरतनी होगी. जमीन खरीदते वक्त कई बातों की गहनता से जांच करनी चाहिए नहीं तो आगे चलकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आइये जानते हैं वे बातें क्या हैं.

जमीन के टाइटल की जांचजमीन खरीदते वक्त उसके टाइटल की जांच सबसे जरूरी चीज है. आपको इस बात की जांच करनी है कि जो शख्स आपको जमीन बेच रहा है, वही प्रॉपर्टी का असली मालिक है और उसके पास ही सारे अधिकार हैं. जमीन के दस्तावेज काफी जटिल होते हैं. बेहतर है कि इन दस्तावेजों की जांच आप किसी वकील (एडवोकेट) से करवाएं ताकि सेल्स डीड और प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदों की जांच करवाकर वेंडर के टाइटल कन्फर्म होने का सर्टिफिकेट हासिल किया जा सके. कम से कम पिछले 30 वर्षों के लिए टाइटल का पता जरूर लगाएं.

सब-रजिस्ट्रार के दफ्तर में खोजअधिग्रहण किए जाने वाले भूमि के संबंध में लेनदेन (कर्मों के माध्यम से स्वामित्व में परिवर्तन) और एन्कंब्रन्स (कानूनी बकाया) की खोज आपको सब रिजस्ट्रार के दफ्तर में करनी होगी. इसकी प्रक्रिया हर राज्य में अलग-अलग है.

जमीन खरीद के लिए पब्लिक नोटिसप्रॉपर्टी खरीदने से पहले स्थानीय अखबारों में खरीदी जाने वाली प्रस्तावित भूमि पर किसी भी दावे को आमंत्रित करने के लिए पब्लिक नोटिस देना चाहिए. इससे यह पता लग जाता है कि जमीन पर किसी थर्ड पार्टी के अधिकार तो नहीं हैं.

पावर ऑफ अटॉर्नीजमीन मालिक की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) के जरिए भी बेची जाती है. पावर ऑफ अटॉर्नी की अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वही प्रॉपर्टी बेची जा रही है जिसे आपको खरीदना है. ऐसा भी होता है जब कुछ समय के भीतर कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना जरूरी होता है. इसमें देरी नहीं होनी चाहिए इससे लागत बढ़ती है. ऐसी स्थितियों से बचने के लिए, आप किसी और को अपनी ओर से हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत कर सकते हैं.

दस्तावेजों का वेरिफिकेशनभूमि लेनदेन से जुड़े असली टाइटल दस्तावेज सही हैं या नहीं. सौदे से पहले इस बात की जांच जरूर कर लेनी चाहिए. ऐसा करने से आपको पता चल जाएगा कि विक्रेता ने ओरिजनल के साथ कोई थर्ड पार्टी राइट्स नहीं बनाए हैं. सौदा पूरा होने के बाद इन ओरिजनल दस्तावेजों को जरूर ले लें.

जमीन खरीद के लिए अप्रूवल और परमिशनखरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी/जमीन में पहले से ही ढांचे या इमारतें हैं, तो यह जांच करें कि अनुमोदित योजनाएं, आवश्यक अनुमतियां और एनओसी सही हैं या नहीं.

प्रॉपर्टी टैक्सयह जरूर जांच करें कि जिस जमीन को आप खरीद रहे हैं उसका प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान ट्रांसफर की तारीख तक किया जा चुका है और वेरिफिकेशन के लिए इस भुगतान की मूल रसीदें तैयार हैं. यह भी पता लगाएं कि वेंडर के नाम पर खाता (मालिक के नाम को दर्शाती रेवेन्यू रिकॉर्डिंग) उपलब्ध है.

जमीन खरीद के लिए स्थानीय नियमजमीन खरीदते वक्त उस इलाके के स्थानी कानून/नियमों की जानकारी होना जरूरी है ताकि भूमि खरीदते वक्त किसी तरह के किसी मुश्किल का सामना न करना पड़े.

कहीं जमीन गिरवी तो नहीं रखी गईइस बात की भी जांच करनी चाहिए कि जमीन गिरवी रखी गई है या नहीं. जमीन खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि विक्रेता ने भूमि पर बकाया सभी राशियों का भुगतान किया है. बैंक से एक रिलीज सर्टिफिकेट जरूरी है, यह निर्धारित करने के लिए कि भूमि सभी लोन से मुक्त है.

जमीन का मापजमीन का माप भी जरूरी है जो कि खरीदने वाले शख्स को अपने नाम पर रजिस्ट्रेशन करने से पहले करा लेना चाहिए. इस काम के लिए खरीदार को किसी मान्यता प्राप्त सर्वेक्षणकर्ता की मदद लेनी चाहिए.

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