NPS Charges: पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) अकाउंट खुलवाने के लिए चार्जेस में बदलाव किया है. ये नवीनतम शुल्क NPS (सभी नागरिक और कॉर्पोरेट) और NPS-लाइट मॉडल दोनों के लिए है. बता दें कि एनपीएस-वात्सल्य अकाउंट खुलवाने के लिए एनपीएस-ऑल सिटीजन मॉडल जितना ही चार्ज लगेगा. ये सभी नई चार्जेस 31 जनवरी, 2025 से प्रभावी होंगी.
बजट में वित्त मंत्री ने दिया प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए प्रस्ताव दिया कि एनपीएस वात्सल्य योजना में इंवेस्ट करने वालों को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80 CCD(1B) के तहत टैक्स पर अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की छूट मिलेगी. यही बेनिफिट एनपीएस के रेगुलर कंट्रीब्यूटर्स को भी मिलता है.
4 फरवरी, 2025 को जारी PFRDA मास्टर सर्कुलर के मुताबिक, एनपीएस-वात्सल्य अकाउंट की सर्विस पर लिया जाने वाला चार्ज एनपीएस-ऑल सिटीजन मॉडल के तहत वसूले जाने वाले चार्ज के ही समान होगी.
NPS अकाउंट खुलवाने पर चार्ज
सबसे पहले रजिस्ट्रेशन के लिए 400 रुपये तक का चार्ज पहले ही लिया जाता है. पहले किए गए कंट्रीब्यूशन पर इसी हिसाब से 0.50 परसेंट का चार्ज लगेगा. इसकी अधिकतम लिमिट 25,000 रुपये है. इसके बाद के भी सभी कंट्रीब्यूशन पर चार्ज लगेगा.
गैर-वित्तीय लेनदेन
गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 30 रुपये तक की फीस लगेगी. एनपीएस ऑल सिटीजन मॉडल पर लागू होने वाला पर्सिस्टेंसी चार्ज एनुअल कंट्रीब्यूशन के आधार पर अलग-अलग होता है. अगर सालाना योगदान 1,000 रुपये से 2,999 रुपये के बीच है, तो इस पर हर साल 50 रुपये तक चार्ज लगेगा. 3000 से 6000 रुपये के बीच एनुअल कंट्रीब्यूशन के लिए 75 रुपये और 6000 रुपये से अधिक के योगदान पर अधिकतम 100 रुपये तक चार्ज देने होंगे. ये चार्जेस यूनिट कैंसलेशन के जरिए काटे जाते हैं.
ई-एनपीएस लेनदेन
ई-एनपीएस लेनदेन के लिए योगदान का 0.20 परसेंट तक का शुल्क लागू होता है. इसकी अधिकतम सीमा 10,000 रुपये है. यह शुल्क पहले ही वसूला जाता है और केवल एनपीएस ऑल सिटीजन और टियर-II खातों पर लागू होता है.
डी-रेमिट कंट्रीब्यूशन
डी-रेमिट कंट्रीब्यूशन के लिए एक ट्रेल कमीशन भी योगदान के 0.20 परसेंट तक लगाया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा 10,000 रुपये है और समय-समय पर यूनिट्स के जरिए इनमें कटौती की जाती है.
प्रॉसेसिंग एग्जिट की प्रक्रिया
निकासी की प्रक्रिया के लिए कुल राशि का 0.125 परसेंट तक का शुल्क लागू होता है, जिसकी अधिकतम लिमिट 400 रुपये है. यह भी पहले ही ले लिया जाता है.
स्थायित्व शुल्क
स्थायित्व शुल्क केवल तभी देय होता है जब कोई ग्राहक किसी वित्तीय वर्ष में छह महीने से अधिक समय तक (पॉइंट ऑफ प्रेजेंस) पीओपी से जुड़ा रहता है. प्रति लेनदेन न्यूनतम योगदान 500 रुपये है, और न्यूनतम वार्षिक योगदान 1,000 रुपये है.